छत्तीसगढ़ सरकार शराब पर बैन लगाए, संसद में सेंगोल की स्थापना पर भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिया बड़ा बयान
रायपुरPublished: May 30, 2023 12:58:57 pm
Chhattisgarh Hindi news : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सेंगोल न्याय और सुशासन का प्रतीक है। क्या संसद में सेंगोल की स्थापना से देश में न्याय और सुशासन आ जाएगा!


रायपुर. Shankaracharya in raipur : देश में अभी चहुंओर नए संसद भवन की चर्चा है। यहां लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के ठीक ऊपर स्थापित सेंगोल भी काफी सुर्खियां बटोर रहा है। यह एक राजदंड है जिसका इतिहास 5000 साल से ज्यादा पुराना है। जोशीमठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सेंगोल न्याय और सुशासन का प्रतीक है। क्या संसद में सेंगोल की स्थापना से देश में न्याय और सुशासन आ जाएगा! उन्होंने बताया कि पुराने संसद भवन में भी स्पीकर की कुर्सी के ठीक ऊपर संस्कृत में लिखा था ’यतो धर्मस्ततो जय:’। मतलब जहां धर्म है, वहां विजय है। क्या 75 सालों तक देश इसी सिद्धांत पर चलता रहा? नहीं न! इसका मतलब यही है कि पंक्तियों और प्रतीक चिन्हों को अपनाने से बदलाव नहीं आने वाला है। ऐसा कर हम उन पंक्तियों और प्रतीकों की उपेक्षा करते हैं। अगर वाकई में धर्म, न्याय और सुशासन की स्थापना करनी है तो राजनीतिक दलों में इच्छाशक्ति होनी भी जरूरी है।