एमपी में मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
इधर मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने एमपी के पुलिस महानिदेशक, बालाघाट एसपी और जबलपुर डीआइजी से मामले की रिपोर्ट मांगी है। बालाघाट के गढी थाना क्षेत्र के बसपहरा के जंगल में पुलिस की गोली से छत्तीसगढ़ के बालसमुंद निवासी झामसिंह धुर्वे की मौत हो गई थी। पुलिस ने उसे माओवादी घोषित कर दिया। आदिवासी संगठनों का दावा है कि युवक नदी के पास मछली पकड़ने गया था। प्रत्यक्षदर्शी भी ऐसा ही कह रहे हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासियों ने 15 सितम्बर को बालाघाट जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद हरकत में आए मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी, डीआईजी और एसपी को नोटिस जारी किया है। उनसे तीन सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
झामसिंह की हत्या पर भाजपा की चुप्पी, कांग्रेस ने उठाए सवाल
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कवर्धा के निर्दोष आदिवासी की हत्या पर राज्य के भाजपा नेता क्यो चुप है? सुशील आनंद शुक्ला ने कहा छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को दो पत्र भी लिखा। फिर भी कोई कार्यवाही नही की गई। यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार दोषियों को बचाना चाह रही है। शुक्ला ने पूछा, इस मामले में छत्तीसगढ़ भाजपा का क्या रुख है? राज्य के एक आदिवासी को भाजपा शासित पडोसी राज्य की पुलिस गोलियों से मार डालती है उसके बाद भी छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता सन्देहास्पद चुप्पी क्यों साधे हुए है? क्या राज्य के गरीब आदिवासी की जिंदगी का भाजपा नेताओं की निगाह में कोई महत्व नही है? सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता सिर्फ इसलिए मध्यप्रदेश सरकार से सवाल करने का साहस नही दिखा पा रहे क्योकि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है। इस मामले को उठाने पर उनके दल की बदनामी होगी। मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं।
आज बालसमुंद जाएंगे अकबर
वन मंत्री मोहम्मद अकबर गुरुवार को कवर्धा के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वे बोडला के बालसमुंद गांव जाकर मृतक झामसिंह धुर्वे के परिजनों से मुलाकात करेंगे। सर्व आदिवासी समाज के लोग भी वन मंत्री से मुलाकात कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग करने वाले हैं।