सीबीएसई ने जारी किए 10वी और 12वी बोर्ड एग्जाम के एडमिट कार्ड, जानिये इससे जुडी सभी महत्वपूर्ण बातें
प्रोजेक्ट के अंतर्गत पहले चरण में शिक्षा विभाग के अधिकारियां ने रायपुर, राजनांदगांव और दुर्ग के 200 स्कूलों का चयन किया है। प्रदेश के छात्र नई शिक्षा पद्धति से शिक्षा ग्रहण कर सके इसलिए प्रोजेक्ट के तहत एनिमेटड शिक्षाप्रद शार्ट फिल्म और वीडियो गेम विभागीय अधिकारी तैयार कर रहे है।
डिजिटल लर्निंग किट का होगा इस्तेमाल
बच्चों के लिए अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और हिंदी से संबंधित डिजिटल टीचिंग लर्निंग मटेरियल बनाई गई है। ये मटेरियल कंप्यूटर गेम और एनिमेशन वाली रहेगी। सभी विषयों के कालखंड में उस विषय के हिसाब से टीचिंग लर्निंग मटेरियल का इस्तेमाल करेंगे। किट चयनित स्कूलों को दी जाएगी। डिजीटल शिक्षण सामग्री में वीडियो गेम और एनिमेटेड शार्ट वीडियो होगी। शिक्षक अपने एंड्रायड मोबाइल में लोड करेगा और उसे बच्चों को दिखाएगा। बीच-बीच में गेम या वीडियो रोक-रोक कर बच्चों से सवाल करेगा और उसका उत्तर क्या होगा, इसे बताएगा? मसलन कंप्यूटर गेम में गणित का जोडऩा-घटाना भी बताया जाएगा।
शिक्षकों को दी जा चुकी ट्रेनिंग
डिजिटल शिक्षण सामग्री का इस्तेमाल करने में गुरूजी को आसानी हो इसलिए दिल्ली के एक्सपटर््स द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों को टे्रनिंग दे चुके है। जनवरी माह में गुरूजी के लिए स्पेशल क्लास रायपुर स्थित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद कार्यालय में लगी थी। इस क्लास मंे गुरूजी को एक्सपटर््स के अलावा स्कूल शिक्षा मंत्री, सचिव और संचालक ने प्रोत्साहित किया था।
कमजोर बच्चों को दक्ष करने की प्लानिंग
शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कमजोर बच्चों को दक्ष करने की यह प्लानिंग की गई है। वीडियो गेम खिलाकर और एनिमेशन फिल्म दिखाने के बाद बच्चों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन भी करेंगे। उसके हिसाब से बच्चों को अलग करके उन्हें दक्ष करना है। हर बच्चों का चार्ट तैयार होगा। सभी तैयारी पूरी होने के बाद साप्ताहिक रिपोर्ट स्कूलों से जिला शिक्षा अधिकारी और उसके बाद शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुचेगी ।
प्रदेश के छात्रों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसलिए जिज्ञासा प्रोजेक्ट के तहत रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव के २०० स्कूलों का चयन किया गया है। इन सभी स्कूलों में एनीमेटड फिल्म्स और वीडियो के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाएगा। डिजिटल लर्निंग किट का इस्तेमाल करने में शिक्षकों को आसानी हो इसलिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा चुकी है। छात्रों को आधुनिक शिक्षा मिले इसलिए ये पहल की जा रही है।
-जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी