रायपुरPublished: Dec 07, 2019 01:30:16 am
bhemendra yadav
बलरामपुर-रामानुजगंज, बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर-चापा, कोरिया, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, अंबिकापुर में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर दिया है। रायपुर में तीन, बिलासपुर में दो तथा दुर्ग में चार फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर
बिलासपुर/रायपुर. देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के बीच छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आज राज्य के 15 जिलों में विशेष तौर पर पास्को एक्ट के तहत दर्ज मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए त्वरित अदालते (फास्ट ट्रैक कोर्ट) गठित कर न्यायधीशों की नियुक्ति कर दी है। उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार द्वारा इस बारे में जारी आदेश में राज्य सरकार की गत 05 नवम्बर की अधिसूचना का हवाला देते हुए बलरामपुर-रामानुजगंज, बिलासपुर , दुर्ग, जांजगीर-चापा, कोरिया, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, अंबिकापुर में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर दिया है। रायपुर में तीन, बिलासपुर में दो तथा दुर्ग में चार फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए है। यह सभी विशेष अदालते विशेष तौर पर बलात्कार एवं पास्को एक्ट से सम्बधित मामलों की सुनवाई करेंगी।
सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम (पॉक्सो) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के तहत देशभर में इसके लिए 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होना है। इसमें 389 सिर्फ पॉक्सो और बाकी के 634 कोर्ट पॉक्सो व बलात्कार के मामलों की सुनवाई करेंगे। बिहार में ऐसे 54 कोर्ट बनेंगे। इसमें 30 पॉक्सो और 24 कोर्ट पॉक्सो के साथ बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए होंगे।