पंजाब, हरियाणा को एमएसपी का ऑनलाइन भुगतान करने का निर्देश, छत्तीसगढ़ भी इसे अपनाने में दिखा रहे दिचलस्पी
उत्तरप्रदेश में फसलों की सरकारी खरीद में किसानों की बायोमेट्रिक पहचान शुरू की गई है, जबकि ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश भी इसे अपनाने में दिचलस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

नई दिल्ली/रायपुर . फसलों की सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने और किसानों को बिचैलियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए केंद्र सरकार अब पूरे देश में एमएसपी का भुगतान सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मोड से लागू करने जा रही है। केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा को भी अगले सीजन से किसानों को ऑनलाइन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। पंजाब और हरियाणा में फसलों की सरकारी खरीद में किसानों को ऑनलाइन भुगतान का उपयोग आंशिक तौर पर किया जाता है जबकि उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य प्रदेशों में ऑनलाइन भुगतान किया जाने लगा है।
इन राज्यों ने दिखाई दिलचस्पी
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तरप्रदेश में फसलों की सरकारी खरीद में किसानों की बायोमेट्रिक पहचान शुरू की गई है, जबकि ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश भी इसे अपनाने में दिचलस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
सरकारी एजेंसियां दोनों प्रदेशों में आढ़तियों के जरिए ही किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीदती हैं। इसके लिए उन्हें अलग से कमीशन मिलता है। मगर, आढ़ती चाहते हैं किसानों को फसलों का भुगतान भी उन्हीं के जरिए हो, इसलिए पंजाब और हरियाणा में ऑनलाइन भुगतान प्रणाली पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाई है। जानकार बताते हैं कि इससे किसानों के साथ उनकी जो लेन-देन होती है उसकी वसूली आसान हो जाती है।
मगर, केंद्र सरकार अब यह सुनिश्चित करने जा रही है कि एमएसपी पर होने वाली खरीद के लिए किसानों को सीधे उनके खाते में ही भुगतान हो। इसलिए, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने पंजाब और हरियाणा को एमएसपी का ऑनलाइन भुगतान अगले सीजन से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
उत्तरप्रदेश के एक आढ़ती ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में एमएसपी का भुगतान अगर, सभी किसानों को ऑनलाइन होने लगेगा तो वहां खरीद में जो गड़बड़ी होती है वह रूक जाएगी। किस तरह की गड़बड़ी होती है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों का अनाज हरियाणा और पंजाब में बिकता है। मगर, जब किसानों का रजिस्ट्रेशन होगा तो सिर्फ उसी प्रदेश के किसानों का अनाज बिकेगा। इससे आढ़तियों का दबदबा भी कम होगा।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक दिन पहले गुरुवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान आईएएनएस के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि फसलों की खरीद से लेकर पीडीएस के लाभार्थियों को सस्ता अनाज वितरण करने तक हर स्तर पर डिजिटलीकरण करके पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पीडीएस के लाभार्थियों को किफायती दरों पर दिए जा रहे अनाजों के दाम में बढ़ोतरी का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।
मंत्रालय ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) के एसेट्स के मॉनिटाइजेशन से वेयरहाउसिंग और भंडारण के इन्फ्रास्ट्रक्च र के आधुनिकीकरण में काफी निवेश होगा।
-आईएएनएस
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