ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर 16 मई के बाद से ऐसा क्या हुआ कि दर एकदम से घट गई। ‘पत्रिका’ ने पड़ताल करते हुए इसके जवाब तलाशे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, विशेषज्ञों और कोविड-19 अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों से बात की। इन्होंने बताया कि पहले जो मरीज मिल रहे थे वे या तो विदेश से आए थे या फिर उनके संपर्क वाले थे। कुछ एक मरीज ऐसे थे जिनमें वायरस कहां से पहुंचा, यह आज तक अज्ञात है। जैसे रामनगर गुढिय़ारी निवासी बुजुर्ग, कुकुरबेड़ा निवासी इलेक्ट्रिशियन। इन सभी में वायरस लोड कम था।
तब तक प्रदेश में कटघोरा को छोड़ प्रदेश में महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और मध्यप्रदेश के प्रवासियों का प्रवेश नहीं हुआ था। या यूं कहें कि दूसरे राज्यों का वायरस नहीं आया था। तब मरीज 4 दिन से लेकर 7-8 दिन में ठीक हो जा रहे थे। मगर, अब उन्हें 10-12 कई केस में तो 15 दिन तक लग रहे हैं।
गणना का आधार है ये आंकड़ा-
तारीख- 16 मई- 02 जून
केरल- 85, पंजाब- 87
छत्तीसगढ़- 85, गोवा- 68
तेलंगाना- 66, राजस्थान- 68
उत्तराखंड- 62, आंध्रप्रदेश- 65
राजस्थान- 57, गुजरात- 63
(नोट- शीर्ष पांच प्रदेश में मरीजों के ठीक होने की दरें, प्रतिशत में। जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की जाने वाली डेली रिपोर्ट के अनुसार)
ये तीन प्रमुख कारण, जिनकी वजह से ठीक होने में लग रहा अधिक समय
रोग प्रतिरोधक क्षमता
अभी मिलने वाले अधिकांश कोरोना मरीज दूसरे राज्यों से पैदल, बस, ट्रेन या अन्य दूसरे माध्यमों से आ रहे हैं। वे लॉकडाउन के बाद जिन परिस्थितियों में रहे, इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हुई। इसलिए शरीर को वायरस को हराने में समय लग रहा है।
वायरस लोड अधिक
महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू कश्मीर और दक्षिण के राज्यों से आने वाले मरीजों में वायरस लोड अधिक है। पूर्व के मरीजों में वायरस लोड कम था।
पहले ही खिला दी जाती थी हाईड्राक्सी क्लोरोक्विन
फेज-१ में जब भी मरीज मिलता था, उसे घर पर ही हाईड्रोक्सी क्लोरोक्विन की दवा का एक डोज दे दिया जाता था, जो काफी कारगर था। मगर, बीच में गाइडलाइन में काफी बदलाव हुए। जिसकी वजह से अस्पताल में ही दवा दी जाती है।
पूर्व में जो मरीज मिल रहे थे वे जल्दी ठीक हो रहे थे, अब वालों को स्वस्थ होने में अतिरिक्त समय लग रहा है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जिनमें प्रमुख है शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता का कम होना।
-डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग