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छत्तीसगढ़ की गड्ढों वाली जानलेवा सड़कें

locationरायपुरPublished: Sep 25, 2023 12:35:30 am

Submitted by:

Anupam Rajvaidya

टिप्पणी : बारिश थमने के बाद प्रदेशभर की सड़कों की स्थिति में कुछ सुधार होगा, ऐसी सिर्फ उम्मीद ही की जा सकती है

छत्तीसगढ़ की गड्ढे वाली जानलेवा सड़कें
अनुपम राजीव राजवैद्य

ट्रैफिक पुलिस की एक रिपोर्ट से खौफनाक खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ की सड़कें जानलेवा हैं। खूनी सड़कों के आंकड़े कहते हैं कि पिछले आठ माह में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में 9200 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 4172 लोगों की मौत हो गई। जहां प्रदेश की सरकार और शासन-प्रशासन को चलाने वाले रहते हैं वहां के आंकड़े तो और ज्यादा डराते हैं। रायपुर जिले में इसी अवधि में 1553 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 360 लोग असमय काल की गाल में समा गए और 1009 लोग घायल हुए हैं। राज्य पुलिस की मानें तो ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने के कारण सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हादसों के लिए यह तो एक प्रमुख कारण है ही, लेकिन उससे भी बड़ा कारण यह भी है कि प्रदेश में सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं, कहीं-कहीं तो दलदल सी स्थिति है। गड्ढों वाली सड़कों को देखकर हम वाहनों की रफ्तार मात्र को सड़क हादसों का कारण नहीं मान सकते, क्योंकि ऐसे गड्ढों पर वाहन कैसे फर्राटे भर सकते हैं, जिनपर पैदल भी नहीं चला जाता है। राजधानी रायपुर की स्थिति तो और भी खराब है। कहने को तो यह स्मार्ट सिटी है और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी होती है, लेकिन यहां की सड़कें भी बदतर हैं। बारिश ने सड़कों को छोटी-छोटी डबरी में तब्दिल कर दिया है। बारिश की वजह से सड़कों के गड्ढे वाहनों की आवाजाही से चार गुना ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। ऐसे गड्ढों को भरने के लिए नगर निगम से लेकर पीडब्ल्यूडी तक रवैया उदासीन बना हुआ है। जी-20 समिट की रायपुर में 18-19 सितंबर को हुई बैठक से पहले राज्य शासन ने बैठकें करके रायपुर की सड़कों को ठीक करने के निर्देश और करोड़ों रुपए आवंटित किए थे। जी-20 की मीटिंग वाले स्थल की सड़कों को थोड़ा-बहुत मरम्मत करके आमलोगों को जानलेवा सड़कों पर आवागमन करने के लिए छोड़ दिया गया है। आंकड़े कहते हैं कि रायपुर के अंदरूनी इलाकों में रोजाना 4 और आउटर में 2 सड़क हादसे होते हैं। नगरनिगम के मुताबिक सभी जोन अधिकारियों को सड्कों के गड्ढों की मरम्मत कराने के लिए निर्देशित किया गया है। बरसात की वजह से डामरीकरण फिलहाल नहीं किया जा रहा, लेकिन मिक्स मटेरियल से गड्ढों को भरा जा रहा है। इस कार्य में भी लापरवाही बरती जा रही। अमानक मिक्स मटेरियल की वजह से भी इन सड़कों पर हादसे हो रहे हैं। बारिश थमने के बाद प्रदेशभर की सड़कों की स्थिति में कुछ सुधार होगा, ऐसी सिर्फ उम्मीद ही की जा सकती है। सड़कें सुधर जाएंगी, ऐसा लग नहीं रहा क्योंकि जल्द ही सामने आचार संहिता जो खड़ी हो जाएगी, विधानसभा चुनाव जो होने हैं।
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