3 लाख 4242 क्विंटल साल बीज, 63676 क्विंटल बीज सहित ईमली, 28158 क्विंटल महुआ फूल, 5107 क्विंटल बहेड़ा और 5000 क्विंटल चरोटा बीज का संग्रहण किया जा चुका है। इसके पहले 2015 से 2018 तक मात्र 7 वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर खरीदी होती थी। राज्य सरकार द्वारा खरीदी करने के साथ ही लघु वनोपजों के प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य के लिए 139 वन धन केन्द्र भी स्थापित किए गए हैं।
इसकी खरीदी
प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत इमली (बीज सहित), पुवाड (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज तथा शहद शामिल हैं। इसके अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपजें भी इसमें शामिल हैं। साथ ही हाल ही में वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, ईमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया तथा नीम बीज की खरीदी की जा रही है। लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में 3500 ग्राम और 866 हाट बाजारों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ख्ररीदी करने की व्यवस्था की गई है।