scriptविधानसभा में पहली बार छत्तीसगढ़ महतारी का महिमा गान | Chhattisgarh Mahtari's glory song for the first time in the assembly | Patrika News

विधानसभा में पहली बार छत्तीसगढ़ महतारी का महिमा गान

locationरायपुरPublished: Nov 22, 2019 01:49:01 pm

Submitted by:

Mithilesh Mishra

– राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम के बाद होगा राज्यगीत- कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में हुआ फैसला

विधानसभा में पहली बार छत्तीसगढ़ महतारी का महिमा गान

विधानसभा में पहली बार छत्तीसगढ़ महतारी का महिमा गान

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहली बार छत्तीसगढ़ महतारी की महिमा गाई जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय हुआ कि शीतकालीन सत्र से राज्यगीत के गायन की शुरुआत हो जाएगी।
नरेंद्र देव वर्मा की रचना अरपा पैरी के धार… के राज्यगीत बनने के बाद विधानसभा का पहला सत्र 25 नवम्बर से शुरू हो रहा है। संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, सदन में राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम के गायन की परंपरा शुरू से रही है। अब वंदेमातरम के बाद राज्यगीत भी गाया जाएगा।
संसदीय कार्यमंत्री ने बताया, 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने देश के संविधान को अंगिकृत किया था। उसकी स्मृति में उस दिन संविधान दिवस मनाया जाता है। 26 नवम्बर को सत्र के दूसरा दिन होगा। उस दिन पहले हिस्से में ही संविधान पर विशेष चर्चा होगी। इसमें विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और कुछ अन्य सदस्य संविधान पर अपने विचार रखेंगे।

कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, मुख्य सचिव आरपी मंडल और विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े आदि शामिल हुए।

10 अध्यादेशों को बनाएंगे विधेयक
मॉनसून सत्र से अभी तक सरकार कानूनों में बदलाव के लिए 10 अध्यादेश ला चुकी है। शीतकालीन सत्र में इन सभी अध्यादेशों को विधेयक बनाकर पेश किया जाएगा, ताकि विधानसभा से उन्हें पारित कराया जा सके।

इनमें छत्तीसगढ़ नगर पालिका संशोधन अध्यादेश, नगर निगम अध्यादेश और लोक सेवाओंं में (अजा, अजजा, ओबीसी के लिए आरक्षण) संशोधन अध्यादेश सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। दो निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े अध्यादेश भी विधेयक बनेंगे।
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