script20 साल बेमिसाल: राज्य स्थापना के 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने रचे कई कीर्तिमान | Chhattisgarh make many records in 20 years of state establishment | Patrika News

20 साल बेमिसाल: राज्य स्थापना के 20 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने रचे कई कीर्तिमान

locationरायपुरPublished: Nov 01, 2020 01:20:00 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

– छत्तीसगढ़ राज्य 20वां स्थापना दिवस आज – शून्य से लेकर शिखर तक का सफर

raipur_ghadi_chowk.jpg
रायपुर. तब छत्तीसगढ़ को आदिवासी अंचल और पिछड़े इलाके के रूप में जाना जाता था। आधुनिक शहरों के लोग यहां आने से घबराते थे, लेकिन आज तस्वीर अलग है। राज्य स्थापना दिवस के 20 वर्षों के इस सफरनामे में छत्तीसगढ़ ने जमीन से उठकर आसमान की ऊंचाइयों को छुआ है। तब छत्तीसगढ़ की पहचान कुछ औद्योगिक संयत्रों और खनिज भंडार की वजह से मिली हुई थी, लेकिन वर्तमान स्थिति में छत्तीसगढ़ ने उद्योग, व्यापार, आर्थिक विकास, चिकित्सा, अधोसंरचना, शिक्षा आदि क्षेत्रों में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह सफर आगे भी जारी है।

1. अधोसंरचना – 33 हजार किमी. सड़क का रेकॉर्ड, फ्लाईओवर का बिछा जाल
राज्य गठन के बाद प्रदेश में 33 हजार किलोमीटर से अधिक का सड़क निर्माण किया जा चुका है, वहीं 50 से अधिक फ्लाईओवर और 1000 से अधिक बड़े पुलों के माध्यम से यातायात रफ्तार पकड़ रही है। राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की योजनाओं का लाभ छत्तीसगढ़ को मिला। चाहे फ्लाईओवर की बात करें या फोरलेन सड़कों की। अब बस्तर जैसे सुदुर क्षेत्रों में भी सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। सड़कों और अधोसंरचना ने गांवों से लेकर शहर के फासले को काफी कम कर दिया है।

— रायपुर-दुर्ग,रायपुर-जगदलपुर,रायपुर-राजनांदगांव, रायपुर-बिलासपुर फोर-लेन का निर्माण
— राज्य गठन के बाद प्रदेश में 45 से ज्यादा फ्लाईओवर का निर्माण।
— विश्वस्तरीय स्मार्ट सिटी नवा रायपुर की नींव, देश की पहली इंटीग्रेटेड स्मार्ट सिटी के रूप में शामिल हुई।
— माना एयरपोर्ट से पहले सिर्फ दिल्ली और चुनिंदा शहरों के लिए उड़ानें, अब 10 से ज्यादा शहरों के लिए रोजाना 40 से अधिक उड़ानें
— राजधानी में ऑक्सीजोन, अंतर राष्ट्रीय स्वीमिंग पुल, मल्टीस्टोरी पार्किंग, गोलबाजार और शास्त्रीबाजार के लिए नए प्लान, एनआईटी कैंपस में रीडिंग जोन आदि।
— स्मार्ट सिटी की लिस्ट में रायपुर हुआ शामिल, मरीन ड्राइव, बूढ़ातालाब, कटोरातालाब, सप्रेशाला मैदान आदि का सौंदर्यीकरण आदि।

2. उद्योग – विदेशों में भी बनाई पहचान
20 साल पहले राज्य के औद्योगिक हालातों पर गौर करें तो तब बीएसपी, बालको, एनएमडीसी, एसईसीएल ही प्रमुख थे, लेकिन आज छत्तीसगढ़ के उद्योगों से निकलने वाले उत्पादों की डिमांड विदेशों में भी है। कोर सेक्टर में छोटी-बड़ी निजी कंपनियों ने धाक जमाई है। मध्यम एवं लघु उद्योगों में तब 10 से 15 हजार लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन वर्तमान स्थिति में 2 लाख कुशल-अकुशल कर्मचारी और श्रमिक काम कर रहे हैं।

— साल 2000 के पहले कोर सेक्टर के 20-30 बड़े उद्योग, अब 1000 से अधिक मध्यम और बड़े, 1 लाख के करीब सूक्ष्म उद्योग।
— रोलिंग मिलों में सालाना उत्पादन तब 12 लाख टन, अब 1 करोड़ 68 लाख टन के करीब
— मिनी स्टील प्लांट तब 2 या 3 यूनिट, वर्तमान में 100 के अधिक, उत्पादन सालाना 1 करोड़ टन से ज्यादा
— राज्य गठन के पहले सिर्फ 1 या दो स्पंज आयरन वर्तमान में 100 के करीब, सालाना उत्पादन 1.20 करोड़ टन
— राज्य के स्टील प्लांट के उत्पादों का निर्यात विदेशों तक।
— बस्तर के लिए विशेष औद्योगिक नीति, स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन
— तब प्रदेश में 1 से 2 सीमेंट प्लांट थे,वर्तमान में 10 बड़े प्लांट, देश में 40 फीसदी से अधिक सीमेंट की आपूर्ति
— प्रदेश में 200 फूड पार्क स्थापित करने की तैयारी।
— औद्योगिक नीति 2019-24 में कोर सेक्टर के लिए नए प्रावधान।
— नवा रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफेक्चरिंग क्लस्टर।

3. आर्थिक विकास – 5 हजार करोड़ से बढ़कर 90 हजार करोड़ का बजट
राज्य निर्माण के बाद पहला बजट करीब 5 हजार करोड़ रुपए का पेश किया गया है, जो आज 90 हजार करोड़ से अधिक का हो गया है। प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद राज्य की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में औसत 5.58 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य निर्माण के बाद जीएसडीपी की दर भी अच्छी रही है। इस साल राज्य की जीएसडीपी में 6.08 फीसदी की तुलना में 7.06 फीसदी की अनुमान है। खास बात यह है कोरोना संक्रमण के बावजूद छत्तीसगढ़ आर्थिक विकास के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में काफी आगे रहा है। किसानों की कर्ज माफी की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है।

5. स्पोर्ट्स- खेल स्पर्धा कम, लेकिन विश्वस्तरीय स्टेडियम
वर्ष 2000 के बाद अब तक छत्तीसगढ़ में खेलों की दृष्टि से देखें तो स्पर्धाएं काफी कम हुई हैं, लेकिन स्पोट्र्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने देशभर में पहचान दी है। चाहे वह देश के दूसरे बड़े दर्शक क्षमता वाले किक्रेट स्टेडियम हो चाहे हॉकी स्टेडियम व अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पूल। प्रदेश को शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के टेनिस अकादमी समेत कई आवासीय खेल एकेडमी की सौगात मिलने वाली है। कई खिलाडिय़ों ने भी इन 20 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।

— 120 करोड़ की लागत से 50 हजार दर्शक क्षमता वाला शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम।
— रणजी मैचों के लिए छत्तीसगढ़ को मान्यता और मेजबानी का मौका।
— 14.5 करोड़ की लागत से सुभाष स्टेडियम, 12 इंडोर खेलों के आयोजन की सुविधा।
— 35 करोड़ की लागत से तैयार राजधानी में इंडोर स्टेडियम, दर्शक क्षमता 5000
— राजधानी में 18 करोड़ की लागत से सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम
— केंद्र सरकार द्वारा संचालित साई अकादमी।
— 18 करोड़ की लागत से धावकों के लिए अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स मैदान और फुटबाल।
— बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांवों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्पोट्र्स ग्राउंड का निर्माण।
— रूस्तम सारंग, अजयदीप सारंग (वेटलिफ्टिंग), सबा अंजुम, मृणाल चौबे (हॉकी), रेणुका यादव (ओलंपियन)

6. चिकित्सा- एम्स सहित कई सौगात
20 वर्षों के सफर में चिकित्सा क्षेत्र में एम्स सहित कई सौगात छत्तीसगढ़ को मिली। राजधानी के निजी मेडिकल सेक्टरों के साथ एम्स की वजह से रायपुर मेडिकल हब बना। राज्य के अन्य जिलों में भी चिकित्सा क्षेत्रों का विस्तार हुआ। राज्य गठन के बाद 4 मेडिकल कॉलेज खुले, 6 सरकारी, 3 निजी मेडिकल कॉलेज इनसे संबद्ध अस्पताल सहित 1 सरकारी और 5 निजी डेंटल कॉलेजों की स्थापना हुई।

— 2011-12 से एम्स का संचालन शुरू
— छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेस (सिम्स) बिलासपुर वर्ष 2001
— स्व. बलीराम कश्यप मेमोरियल मेडिकल कॉलेज जगदलपुर वर्ष 2006,
— स्व. लखीराम अग्रवाल मेडिकल कॉलेज 2013,
— स्व. अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव 2014
— अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज 2016 में स्थापित हुआ।
— एक मात्र शासकीय डेंटल कॉलेज और 5 निजी कॉलेज,
— 105 नर्सिंग कॉलेज भी इस दौरान खुले।
— प्रदेश से हर साल 1000 से अधिक डॉक्टर पासआउट हो रहे हैं।

7. शिक्षा- हमारे संस्थानों में विदेशों के भी छात्र
राज्य गठन के बाद प्रदेश में शिक्षा ने आयाम को छुआ है। ना सिर्फ देश के अन्य राज्यों के बल्कि विदेशी छात्र भी यहां अध्ययनरत है। राज्य गठन के बाद प्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी, आईआईएम, दुर्ग विश्वविद्यालय, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, सरगुजा विश्वविद्यालय समेत अन्य निजी विश्वविद्यालय की सौगात मिली। राज्य गठन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग को मजबूत करने का काम प्रदेश सरकार ने किया। प्रयास और शासकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल जैसी योजनाएं भी लांच की गई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो