इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के अलावा आपराधिक कदाचार से जुड़े भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा शामिल है। जल्दी ही इन सभी को सीबीआई की टीम गिरफ्तार करेगी। सीबीआई आधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक 2013 से तत्कालीन सीएमडी संतोष शर्मा के कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताएं की शिकायत मिली थी। सीबीआई ने मामले को जांच में लिया था। बता दें कि इन अधिकारियों के ािलाई स्थित ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई ने छापे मारे थे।
यह था मामला
जांच में पता चला कि 2019 मलाजखंड (मध्यप्रदेश) और खेतड़ी (राजस्थान) में पीएसयू द्वारा जारी किए गए विभिन्न अनुबंधों में घोटाला किया गया था। हिंदुस्तान कॉपर द्वरा मध्यप्रदेश के बालाघाट स्थित मलाजखंड में एक प्लांट का निर्माण किया जा रहा था। कंपनी ने 200 करोड़ की लागत से मलाजखंड में कॉपर के रॉ-मटेरियल से सोना निकालने का संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए एक कंपनी को ठेका दिया गया थ। इसके ठेकेदार को सीएमडी रहते हुए संतोष शर्मा ने सीएमडी रहते हुए 100 करोड़ रु. का भुगतान कर दिया था। भुगतान लेने के बाद कंपनी काम छोड़कर चली गई थी। इसकी शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने जांच करने के बाद पाया कि तात्कालीन सीएमडी दीवान ने तत्कालीन निदेशक (ऑपरेशन) संतोष शर्मा, तत्कालीन एजीएम विवेक गुप्ता के साथ साजिश की और एसटीपीएल को खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स में पायलट प्लांट के टेंडर के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया।