नक्सल गतिविधि वाले क्षेत्रों में बच्चे मारे जा रहे
बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर 2018 के लिए जारी वार्षिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कश्मीर (kashmir) में सुरक्षाबलों (security forces) के अभियानों में और नक्सल गतिविधि वाले क्षेत्रों में बच्चे लगातार मारे जा रहे हैं या घायल हुए हैं।गढ़चिरौली में कथित तौर पर 8 बाल लड़ाके मारे गए
रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए कहा गया है कि 22 अप्रैल 2018 को महाराष्ट्र (maharashtra) के गढ़चिरौली (Gadchiroli) जिले में जिलास्तरीय विशेष बलों द्वारा चलाए गए नक्सलरोधी अभियान (anti naxal operation) के दौरान कथित तौर पर आठ बच्चे मारे गए थे और इस दौरान कम से कम 40 नक्सली (maoist) मारे गए थे।आतंकी कर रहे बच्चों की भर्ती
रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर (kashmir) में पांच बच्चों की भर्ती हिजबुल मुजाहिदीन (hizbul mujahideen) (दो) और अंसार गजवत-उल-हिंद (एक) सहित आतंकवादी समूहों ने कथित तौर पर की थी, जिनमें से कुछ की उम्र 14 साल है। दो अन्य बच्चे लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) में शामिल हुए थे और कथित तौर पर 9 दिसंबर को सरकारी बलों के साथ मुठभेड़ (encounter) में मारे गए थे।सरकार के कदमों का किया स्वागत
गुटेरेस (guterres) ने हालांकि खासतौर से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Child Rights Protection Commission) के जरिए बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के सरकार के कदमों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, मैं सरकार को बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों को रोकने और रोकथाम के मद्देनजर गंभीर उल्लंघन के अपराधियों को पकडऩे के लिए रोकथाम और जवाबदेही तय करने संबंधी व्यवस्था करने करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं।