इस तरह करेगा काम
जांजगीर जिले की पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने कोरोना की रोकथाम के लिए विशेष टीम गठित की है। इस टीम द्वारा एक मोबाइल एप बनाया है, जिसके जरिए होम आइसोलेटेड रखे गए संदिग्ध मरीजों को हर घंटे अपनी सेल्फी भेजनी होगी और अपने घर से 200 मीटर दूर जाने पर एप पर एसएमएस अलर्ट अपने आप मिल जाएगा, जिससे निश्चित किया जा सकेगा कि संदिग्ध अपने आइसोलेटेड स्थान पर है या नहीं। इस तकनीक द्वारा लगतार गूगल मैप से ट्रैकिंग किया जा सकता है।
मरीज द्वारा लापरवाही बरतने पर पुलिस के पास तत्काल मैसेज
बताया गया है कि आइसोलेट किए गए लोगों के मोबाइल पर एप को एक्टिव किए जाने के साथ लोकेशन सेटिंग की जाती है और उसी के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है, ताकि उनके द्वारा किसी प्रकार की उपेक्षा या लापरवाही किए जाने पर पुलिस को तत्काल मैसेज मिल जाता है और पुलिस द्वारा कार्यवाही की जाती है, जिससे क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य रखने के साथ आमजन को संक्रामक रोग से ग्रसित होने से रोका जा सकता है।
विदेश दौरे से लौटे लोगों की होगी मॉनिटरिंग
पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर बताती हैं कि कोरोना वायरस से जिला जांजगीर के निवासियों की सुरक्षा के लिए यह पहल की गई है। जिले में विदेश या अन्य प्रांतों से आए हुए लगभग 7000 ऐसे व्यक्ति, जिनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है, उन पर निगरानी रखने के लिए नवीन तकनीक का उपयोग किया गया है।
साइबर सेल का गठन
इस एप का बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सके, इसके लिए साइबर सेल के माध्यम से जिले के थाना प्रभारी एवं मेडिकल व राजस्व टीम को प्रशिक्षित किया गया, जिसका उपयोग करते हुए सभी थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र में विदेश या अन्य राज्य से आए हुए और जिन्हें होम आइसोलेटेड किया गया है, उन पर नजर रखी जा रही है।