scriptछत्तीसगढ़: धान खरीदी में अब उत्पादन प्रमाणपत्र की लिमिट | Chhattisgarh: now production certificate limit in paddy procurement | Patrika News

छत्तीसगढ़: धान खरीदी में अब उत्पादन प्रमाणपत्र की लिमिट

locationरायपुरPublished: Dec 15, 2019 02:04:49 pm

Submitted by:

Mithilesh Mishra

– बेमेतरा कलेक्टर ने जारी किया आदेश- पटवारी को बनाना है उत्पादन प्रमाणपत्र

छत्तीसगढ़: धान खरीदी में अब उत्पादन प्रमाणपत्र की लिमिट

छत्तीसगढ़: धान खरीदी में अब उत्पादन प्रमाणपत्र की लिमिट,छत्तीसगढ़: धान खरीदी में अब उत्पादन प्रमाणपत्र की लिमिट,छत्तीसगढ़: धान खरीदी में अब उत्पादन प्रमाणपत्र की लिमिट

रायपुर. सहकारी समितियों में प्रतिदिन धान खरीदी पर लगी लिमिट हटने के बाद भी किसानों की दिक्कतें कम होती नहीं दिख रही हैं। बेमेतरा जिले में तो किसानों से उत्पादन प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है। कलेक्टर ने इसके लिए बाकायदा आदेश जारी किया है।
नए आदेश के मुताबिक पटवारियों को किसान की पहचान, बोए गए धान का रकबा, मोटे-पतले धान का अलग-अलग अनुमानित उत्पादन और किसान से गोठानों के लिए पैरा दान की सहमति लेकर यह प्रमाणपत्र जारी करना है। किसानों को यह प्रमाणपत्र खरीदी केंद्र में प्रस्तुत करना है। इस प्रमाणपत्र के बिना समितियां किसान को अग्रिम टोकन जारी नहीं करेंगी।
इस नए आदेश के बाद किसानों और पटवारियों में भारी गुस्सा है। कई पटवारियों ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, किसान भारी गुस्से में हैं। उनकी फसल की गिरदावरी पहले ही कराई जा चुकी है। अब नए सिरे से फसल की जांच होगी तो बेवजह विवाद बढ़ेगा।
वहीं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने भी ऐसे आदेश से अपना हाथ खींच लिया है। खाद्य विभाग के अफसरों ने साफ कह दिया है कि उन्होंने ऐसा कोई प्रमाणपत्र मांगने का निर्देश कभी नहीं दिया है। खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा, किसानों के पंजीयन के बाद गिरदावरी में धान का रकबा और उत्पादन का अनुमानित ब्यौरा आ चुका है। इसके बाद किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं रह जाती। ऐसा आदेश विभाग की ओर से जारी नहीं हुआ है। कहीं से ऐसी बात आ रही है तो पता करते हैं कि क्यों मांगा जा रहा है।
वहीं बेमेतरा कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने कहा, शासन से समय-समय पर अवैध धान को रोकने निर्देश मिलते हैं। कई जिलों में इस तरह की व्यवस्था बनाई गई है। यह सिर्फ धान के रकबे का भौतिक सत्यापन करने के लिए है। कोचिए किसानों के नाम पर धान न बेच पाएं इसके लिए भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा, इसके लिए किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। पटवारी खुद मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे। शासन की मंशानुरूप किसानों का पूरा धान लिया जाएगा। कलेक्टर का कहना है कि यह उत्पादन प्रमाण पत्र किसी भी प्रकार से अनिवार्य नहीं है। यह अवैध धान को खपाने से रोकने के लिए है।

भाजपा ने बताया, धान खरीदने से बचने का हथकंडा
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने इस तरह प्रमाणपत्र मांगने को किसानों का अपमान बताया है। एकात्म परिसर में शनिवार को संवाददाताओं से चर्चा में शर्मा ने कहा, सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती, इसलिए ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, भाजपा इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो