स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अब लक्ष्य 32-33 हजार से 38 हजार टेस्ट प्रतिदिन करना है। फिर 40,000 टेस्ट। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा संसाधनों में टेस्टिंग कैपिसिटी 45 हजार टेस्ट प्रतिदिन तक है। मगर, स्टाफ की कमी की वजह से दिक्कतें होती हैं। कोरोना नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धमेंद्र गहवईं का कहना है कि लक्ष्य के मुताबिक सुविधा विकसित की जा रही हैं।
प्रदेश सरकार ने कोरबा, कांकेर और महासमुंद में प्रस्तावित नए मेडिकल कॉलेजों में वायरोलॉजिकल टेस्ट की अनुमति जारी कर दी है। यहां उपकरणों की खरीदी के लिए सीजी-एमएससी ने निविदा भी जारी कर दी है। जानकारी के मुताबिक एक लैब को स्थापित करने में करीब 2.50 लाख रुपए का खर्च आंका जा रहा है। सब कुछ समय पर हुआ तो जनवरी तक इन कॉलेजों में भी टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।
हमसे ज्यादा टेस्ट करने वाले राज्य दिल्ली में 3,318, पुडुचेरी 3,047 जम्मू-कश्मीर में 2,047, कर्नाटक में 1,769, केरला में 1,692, मिजोरम में 1,431, गुजरात में 1,306, गोवा में 1,285, आंध्रप्रदेश में 1,219, हरियाणा में 1,188 टेस्ट हो रहे हैं।
प्रदेश में हर दिन बढ़ी कोरोना टेस्ट की संख्या 24 नवंबर 1,140
21 नवंबर 1,111
20 नवंबर 953
07 नवंबर 899
(नोट- टेस्ट प्रति 10 लाख रोजाना पर आधारित आंकड़े) बीते 5 दिनों में टेस्ट 20 नवंबर 27,624
21 नवंबर 32,213
22 नवंबर 23,610
23 नवंबर 32,751
24 नवंबर 33,049
25 नवंबर 33,842
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि टेस्टिंग और बढ़ाने की आवश्यकता है। इसलिए नए प्रस्तावित मेडिकल कॉलेजों में वायरोलॉजिकल लैब खोलने की अनुमति जारी कर दी गई है। बहुत जल्द वहां भी सुविधा होगी।