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साथ ही पुलिस विभाग के बड़े अफसरों के खिलाफ गुस्सा भड़क रहा है। करीब साल भरे डीजीपी ने पुलिस जवानों को सप्ताह में एक दिन छुट्टी देने की घोषणा की थी। कुछ जिलों में जवानों को छुट्टी दी जा रही है, लेकिन आधे से ज्यादा जिलों में साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जा रहा है। इससे जवानों को मानसिक और शारीरिक थकावट से राहत नहीं मिल रही है।
पुलिस आंदोलन के तहत हुई थी घोषणा
विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में पुलिस आंदोलन हुआ था। इसमें पुलिस जवानों ने वेतन, भत्ते, ड्यूटी का समय, अवकाश आदि में सुधार को लेकर एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इससे जुड़े परिवारों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद नए डीजीपी डीएम अवस्थी ने सप्ताह में एक दिन वीकली ऑफ देने की घोषणा की। थानों में रोस्टर बनाकर इसका पालन करने के लिए कहा गया था।
इन जिलों में दिया जा रहा साप्ताहिक अवकाश
कवर्धा, बिलासपुर, रायगढ़, जांजगीर-चांपा जैसे जिलों में पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिया जा रहा है। इसके विपरीत रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, धमतरी, नांदगांव जैसे जिलों के पुलिस सूत्रों कहा कहना है कि उन्हें साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जा रहा है।
राजधानी में नहीं मिल रही सुविधा
राजधानी रायपुर में प्रारंभ में पुलिस सब डिवीजन के एक-एक थानों में वीकली ऑफ की सुविधा शुरू की गई थी। रोस्टर बनाकर पुलिस जवानों को छुट्टी दिया जाने लगा था। एक-दो माह तक जवानों को छुट्टी दी गई, लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। कुछ थानों में तो रोस्टर ही नहीं बनाया गया है। इससे जवानों में भारी असंतोष है। इसकी वजह जवान अफसरशाही मान रहे हैं। जवानों के छुट्टी लेने से कई अफसरों के कामकाज प्रभावित होते हैं, जिसके चलते अवकाश नहीं दिया जा रहा है।
जिलों के पुलिस अधीक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता है।
-डीएम अवस्थी, डीजीपी, छत्तीसगढ़
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