एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश गुप्ता और सचिव मोती जैन ने सीएम को पत्र लिखते हुए बताया, कि संचालक का निर्देश छोटे स्कूलों के असितत्व को खत्म कर देगा। गांव-कस्बे में शिक्षा का प्रसार करने वाले निजी स्कूल बंद हो जाएंगे। बच्चे फीस नहीं जमा करके दस्तावेजों की कमी के बाद अन्यत्र प्रवेश ले लेंगे और फीस ना मिलने के अभाव में स्कूलों का बंद होना तय है।
एसोसिएशन ने संचालक का आदेश छत्तीसगढ़ शिक्षा संहिता के खिलाफ बताया है। एसोसिएशन का कहना है, कि प्रदेश के निजी स्कूलों में लगभग २ लाख ५० हजार से ज्यादा कर्मचारी है। इस तरह के आदेशों से स्कूल बंद होगा और कर्मचारियों को अपना परिवार चलाना मुश्किल होगा। संचालक के एकपक्षीय आदेश को रद्द करने की मांग एसोसिएशन ने की है।