ऊर्जा मंत्रालय में बिंदुओं पर फंसा पेंच
अधिकारियों ने बताया कि विलय की प्रक्रिया में पेंच फंसा हुआ है। इसमें होल्डिंग, ट्रेडिंग, जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है। कहा जा रहा है कि इसमें होर्डिंग कंपनी को समाप्त कर दिया जाएगा। वहीं ट्रेडिंग कंपनी को सरकार अपने पास रख सकती है। 2003 एक्ट के अनुसार ट्रांसमिशन कंपनी को अलग ही रखा जाना है। जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन को मर्ज किया जा सकता है। इसमें डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में है। विलय होने की स्थिति में यदि नुकसान होता है, तो किसी भी एक कंपनी के नुकसान की भरपाई फायदे में रहने वाली कंपनी के उपर आएगी।कंपनी विलय होने से ये होगा फायदा
– ट्रांसमिशन और जनरेशन कंपनी फायदे में है, जकि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में। विलय से डिस्ट्रीब्यूशन का घाटा शून्य हो जाएगा। इससे लगभग 100 करोड़ के आस पास इनकम टैक्स की बचत होगी।– कंपनी के खर्चे कम होने बिजली दर में कमी आएगी। सीधा फायदा प्रदेश के 54 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को होगा।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में बिजली उपभोक्ता -54 लाख कंपनी की बजट -13000 करोड़ रुपए
पॉवर कंपनीज में पांच कंपनियों के कामकाज
2. ट्रांमिशन – इस कंपनी का कार्य उत्पादन केंद्रों से बिजली सब स्टेशनों तक पहुंचाना है।
4. टे्रडिंग – प्रदेश और अन्य राज्यों से बिजली खरीदी बिक्री का काम देखती है। 5. होल्डिंग – चारों कंपनी में समंवय बनाने के साथ ही कंपनियों के पेडिंग मामले और कर्मचारियों के मामलों को निपटाने का कार्य करती है।
जल्द होगा निर्णय
ऊर्जा मंत्रालय के सचिव गौरव द्विवेदी का कहना है छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कपंनीज में पांचों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। विलय से होने वाले फायदे और नुकसान, आय व्यय, एक्ट सभी बिंदुओं पर विचार चल रहा है। कितने कंपनियों को रखा जाना है, तय नहीं है। आचार संहिता के बाद इसपर जल्द फैसला लिया जाएगा।