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पॉवर कंपनीज विलय से 10 फीसदी तक बिजली होगी सस्ती, आचार संहिता के बाद शासन लेगी फैसला

locationरायपुरPublished: Apr 26, 2019 06:20:29 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

* छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी के एकीकरण की प्रक्रिया हुई तेज
* ऊर्जा मंत्रालय ने सक्रियता दिखते हुए शुरू किया काम

bijli

पॉवर कंपनीज विलय से 10 फीसदी तक बिजली होगी सस्ती, आचार संहिता के बाद शासन लेगी फैसला

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज की पांचों कंपनियों का विलय होना तय है। सरकार के इस फैसले के बाद बिजली की कीमतों में लगभग 10 प्रतिशत तक कमी आएगी। जिसका फायदा प्रदेश के 54 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा। कंपनी को किस प्रक्रिया के तहत विलय किया जाना है। आचार संहिता के बाद ही इसकी पूरी तस्वीर साफ होगी। गौरतलब है कि पॉवर कंपनीज के एकीकरण की मांग वर्षों से की जा रही थी। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद ऊर्जा मंत्रालय ने प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
इसमें पांचों कंपनियों के आय व्यय, विलय होने के बाद की स्थिति, नफा नुकसान के हर बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि विलय से जहां फिजूल खर्च की बचत होने के साथ ही कंपनी की स्थिति सुधरेगी। वहीं बिजली की कीमतों में कम से कम 10 प्रतिशत तक की कमी आएगी। जिसका फायदा प्रदेशभर के उपभोक्ताओं को होगा।

ऊर्जा मंत्रालय में बिंदुओं पर फंसा पेंच

अधिकारियों ने बताया कि विलय की प्रक्रिया में पेंच फंसा हुआ है। इसमें होल्डिंग, ट्रेडिंग, जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है। कहा जा रहा है कि इसमें होर्डिंग कंपनी को समाप्त कर दिया जाएगा। वहीं ट्रेडिंग कंपनी को सरकार अपने पास रख सकती है। 2003 एक्ट के अनुसार ट्रांसमिशन कंपनी को अलग ही रखा जाना है। जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन को मर्ज किया जा सकता है। इसमें डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में है। विलय होने की स्थिति में यदि नुकसान होता है, तो किसी भी एक कंपनी के नुकसान की भरपाई फायदे में रहने वाली कंपनी के उपर आएगी।

कंपनी विलय होने से ये होगा फायदा

– ट्रांसमिशन और जनरेशन कंपनी फायदे में है, जकि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में। विलय से डिस्ट्रीब्यूशन का घाटा शून्य हो जाएगा। इससे लगभग 100 करोड़ के आस पास इनकम टैक्स की बचत होगी।
– कंपनी के खर्चे कम होने बिजली दर में कमी आएगी। सीधा फायदा प्रदेश के 54 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को होगा।
– बिजली कंपनी के लिए बैंक ओवरड्राफ्ट क्षमता बढ़ेगी। कंपनी के रोजमर्रा के खर्चे चलाने में आसानी होगी।

फैक्ट फाइल

प्रदेश में बिजली उपभोक्ता -54 लाख

कंपनी की बजट -13000 करोड़ रुपए
विलय के बाद बचत (संभावित) -100 से 200 करोड़ रुपए


पॉवर कंपनीज में पांच कंपनियों के कामकाज

1. जनरेशन – ये कंपनी प्रदेश में बिजली उत्पादन करने का कार्य देखती है।
2. ट्रांमिशन – इस कंपनी का कार्य उत्पादन केंद्रों से बिजली सब स्टेशनों तक पहुंचाना है।
3. डिस्ट्रीब्यूशन – उपभोक्ताओं को बिजली वितरण का कार्य करती है।
4. टे्रडिंग – प्रदेश और अन्य राज्यों से बिजली खरीदी बिक्री का काम देखती है।

5. होल्डिंग – चारों कंपनी में समंवय बनाने के साथ ही कंपनियों के पेडिंग मामले और कर्मचारियों के मामलों को निपटाने का कार्य करती है।

जल्द होगा निर्णय

ऊर्जा मंत्रालय के सचिव गौरव द्विवेदी का कहना है छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कपंनीज में पांचों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। विलय से होने वाले फायदे और नुकसान, आय व्यय, एक्ट सभी बिंदुओं पर विचार चल रहा है। कितने कंपनियों को रखा जाना है, तय नहीं है। आचार संहिता के बाद इसपर जल्द फैसला लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला बिजली कंपनी के एकीकरण की मांग वर्षों से की जा रही थी। प्रबंधन ने अपना प्रपोजल तैयार कर ऊर्जा मंत्रालय को भेजा है। कंपनी विलय की प्रक्रिया जटिल होती है, अभी इस प्रक्रिया में चर्चा का दौर चल रहा है। हर पहलुओं को देखा परखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल्द ही निर्णय होगा।
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