इस मामले में आरोपी बनाए गए
विनोद वर्मा के पास से जब्त किए गए लैपटाप, पेन ड्राइव, मोबाइल को एफएसएल जांच के लिए भेजा गया है। लेकिन, हैदराबाद स्थित लैब से भी रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। मिले इनपुट के आधार पर संदेहियों से पूछताछ और छापेमारी करने में टीम जुटी हुई है।
इस मामले में अब तक 13 स्थानों में दबिश और 40 संदेहियों के बयान लिए जा चुके है। हालात को देखते हुए सीबीआई के अफसरों ने अब तक केस रजिस्टर नहीं किया है। बताया जाता है कि दिल्ली स्थित मुख्यालय से जांच टीम के प्रभारी पीके पांडेय पूरे मामले को हैंडल कर रहे है।
सीडीकांड में न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे गए विनोद वर्मा के साथ ही 5 अन्य संदेहियों से सीबीआई की टीम पूछताछ करेगी। इसमें शिकायकर्ता प्रकाश बजाज, कांग्रेस और भाजपा नेता सहित भिलाई के एक कारोबारी का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। इसके लिए रायपुर के वीआईपी रोड स्थित दफ्तर में तैयारियां चल रही है। स्थानीय अफसरों को इसके लिए निर्देश दिया गया है।
बताया जाता है कि एसआईटी से मिले इनपुट से सीबीआई के अफसर भी संतुष्ट नहीं है। इसे देखते हुए वह गोपनीय रुप से छानबीन करने में जुटी हुई है। हालांकि सीबीआई प्रवक्ता केके गौर का कहना है कि अभी तक केस रजिस्टर नहीं किया गया है। एफआईआर दर्ज करने के बाद ही टीम अपनी जांच शुरू करने रायपुर आयेगी।
ये है मामला
सेक्स सीडी कांड में पुलिस ने 27 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम कालोनी में दबिश देकर विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया था। उसके घर से डायरी, लैपटाप, पेन ड्राइव, सीडी सहित अन्य दस्तावेज जब्त करने का दावा किया था। वहीं, इस मामले में आरोपी बनाए गए वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा ने कोर्ट में पूरे मामले को फर्जी बताते हुए साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था। उनके अधिवक्ता ने साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने की आशंका भी जताई थी।