शिक्षाकर्मियों ने सीएम से पूछे ये साल सवाल
– क्या 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों के संविलियन का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान देने का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या सभी वर्ग के वेतन विसंगति व पुनरीक्षित वेतनमान के त्रुटिपूर्ण वेतनमान निर्धारण का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति देने का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या समानुपातिक वेतनमान देने का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या पेंशन देने का का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या समग्र में सीपीएस कटौती का समाधान ढूंढ लिया गया है।
– क्या सभी 9 सूत्रीय मांगों के निराकरण का समाधान ढूंढ लिया गया है।
शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा कि यदि इन सवालों के जवाब सरकार के पास है तो देर क्यों? उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षाकर्मियों के संविलियन सहित सभी मांगों को शीघ्र पूरा करे और अविलम्ब संविलियन का आदेश जारी करे।
दरअसल, शिक्षाकर्मियों के पूरे प्रदेश में संविलियन संकल्प दिवस मनाने और जल्द ही बड़े आंदोलन की घोषण पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा है कि चुनावी साल में धीरे-धीरे आंदोलन होते रहेंगे, लेकिन हमनें शिक्षाकर्मियों की मांगों का समाधान ढूंढ लिया है। शिक्षाकर्मियों के संकल्प दिवस से पहले मुख्यमंत्री का बयान काफी अहम माना जा रहा है।
विकास यात्रा पर रवाना होने से पहले शिक्षाकर्मियों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी ने इसका रास्ता तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री का यह बयान शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत देने वाला साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा होने के बाद छत्तीसगढ़ में इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया था।
शिक्षाकर्मियों ने इस बार सड़क पर उतरने की जगह सोशल मीडिया में सरकार के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ रखी है। इसे रोकने में सरकार भी नाकाम साबित हो रही है। एेसे समय में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार जल्द ही शिक्षाकर्मियों के हित में बड़ा फैसला लेगी।