रायपुर

वीडियो में देखिए छत्तीसगढ़ पुलिस का घिनौना चेहरा, लात-घूंसों से की नाबालिग की पिटाई

Chhattisgarh Cops: छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Cops) के पब्लिक फ्रेंडली बनने के कई किस्से सामने आए हैं, लेकिन बेहरम पुलिस के घिनौने चेहरे की तस्वीर भी उजागर हुई है।

रायपुरAug 15, 2019 / 05:00 pm

Ashish Gupta

वीडियो में देखिए छत्तीसगढ़ पुलिस का घिनौना चेहरा, लात-घूंसों से की नाबालिग की पिटाई

रायपुर. छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Cops) के पब्लिक फ्रेंडली बनने के कई किस्से सामने आए हैं, लेकिन बेहरम पुलिस के घिनौने चेहरे की तस्वीर भी उजागर हुई है। दरअसल, रायपुर के सरोना रेलवे स्टेशन के पास एक नाबालिग बच्चे की तीन पुलिस वाले बेहरमी से लात-घूसों से पिटाई की। नाबालिग के गुप्तांग को भी चोट पहुंचाया गया।
नाबालिग को तीनों पुलिस वाले इस तरह शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जैसे की वह बहुत बड़े अपराधी हो। इस पूरे कृत्य का किसी ने वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। वायरल वीडियो रायपुर एसएसपी आरिफ शेख के पास भी पहुंचा। उन्होंने मामले की जांच की और आरक्षकों की पहचान करके उन्हें निलंबित कर दिया है।

9 अगस्त की है घटना
घटना पांच दिन पुरानी है। सरोना रेलवे स्टेशन के पास सरस्वती नगर थाने में पदस्थ आरक्षक मुकेश ठाकुर, कबीर नगर का कांस्टेबल अनिल राजपूत और आमानाका थाने में पदस्थ कृष्णा राजपूत खड़े थे। इस दौरान एक घुमंतू बच्चा उधर से गुजर रहा था। नाबालिग को पॉकेटमार समझकर तीनों ने पकड़ लिया। इसके बाद उससे मारपीट करने लगे।

एक जवान ने नाबालिग के हाथ पकड़ लिए। इसके बाद बाइक में बैठे दो जवान लगातार लात-घूंसे चला रहे थे। आरक्षकों ने नाबालिग के गुप्तांग को भी चोट पहुंचाया। नाबालिग के बालों को नोंचा गया। आरक्षकों के इस कृत्य को वहां से आने-जाने वालों ने भी देखा। किसी की हिम्मत नहीं हुई, उसे रोकने के लिए।

यात्री ने बनाया वीडियो
बच्चे की पिटाई करते हुए दृश्य को ट्रेन में सवार किसी यात्री ने मोबाइल से कैद किया। पूरे दृश्य का वीडियो बनाया। इसके बाद सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इससे यह वीडियो तेजी से एक गु्रप से दूसरे गु्रप में घूमता रहा। इसके बाद रायपुर पहुंचा। एसएसपी शेख को भी इसकी जानकारी दी गई।

यह भी होता है
रायपुर से दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर तक चलने वाली लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनों में कई घुमंतू बच्चे मंडराते रहते हैं। इनमें से कुछ चोरी व पॉकेटमारी करते हैं। पुलिस अपने रूटीन कार्य के तहत इन बच्चों पर नजर रखती और कभी-कभी बाल कल्याण अधिकारी के साथ मिललकर पूछताछ भी करती है। स्टेशनों में भी इस तरह के बच्चे मंडराते हैं। महिला बाल विकास विभाग ऐसे बच्चों को लेकर कोई पहल नहीं करती हैं।

निलंबित हुए, विभागीय जांच भी
मामले की जानकारी होने के बाद एसएसपी ने तीनों आरक्षकों को लाइन अटैच किया। इसके कुछ घंटों के बाद ही तीनों को निलंबित कर दिया गया। साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी से विभागीय जांच करवाई जा रही है।chhattisgarh cops

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