भू-राजस्व संहिता में संशोधन पर मंत्री ने पेश की सफाई, कहा – आदिवासियों को इससे कोई नुकसान नहीं
सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी का कहना है कि सरकार जो विधेयक पारित कर रही है। वह आदिवासियों के प्रति षड्यंत्र है। आदिवासियों के पास पूंजी के नाम पर केवल जमीन ही बची है। उसे भी राज्य सरकार छिनना चाहती है। इसे लेकर आदिवासी समाज में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। आदिवासी समाज सरकार के इस फैसले से नाराज होकर आंदोलन के रास्ते अपना रहे हैं। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज 6 जनवरी को सभी विकासखंडो में आदिवासी समाज के विभिन्न 9 सूत्रीय मांगों के संबंध में धरना, प्रदर्शन, रैली आयोजित करेगी।
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उधर, भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक को लेकर आदिवासियों की नाराजगी को दूर करने में लगी हुई। बुधवार को सरकार के राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भू-राजस्व संहिता में हुए संशोधन को लेकर सफाई पेश की। उन्होंने बताया कि आदिवासियों की सहमति से ही राज्य या केन्द्र सरकार जमीन खरीदेगी। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि आपसी समझौते के जरिए आदिवासियों से खरीदी गई जमीन का उपयोग सिर्फ सरकारी कामों में किया जाएगा।
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प्रेमप्रकाश ने कहा कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी खरीद सकता है यह सही नहीं है। मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने इन खबरों को पूरी तरह अफवाह करार देते हुए कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए आदिवासियों को भ्रमित करने का
काम कर रही है।