छत्तीसगढ़ में घटी बेरोजगारी दर, 14.4 से गिरकर पहुंचा 2 प्रतिशत पर
- कोरोना में आर्थिक मंदी... हमारा प्रदेश दोनों से निपट रहा .
- सरकार ने निकाले संकट से निकलने के रास्ते .

रायपुर. 100 साल की सबसे बड़ी त्रासदी, कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया की रफ्तार को रोक दिया। छत्तीसगढ़ में 18 मार्च को पहला केस रिपोर्ट हुआ, मगर फरवरी से ही प्रदेश ने तैयारियां शुरू कर दी थीं क्योंकि यह तय था कि वायरस वुहान से निकलकर हर देश को चपेट में लेगा। हुआ भी वही। अब तक 30 लाख लोगों के कोरोना टेस्ट हुए जिनमें 2.60 लाख लोग संक्रमित हो चुकी हैं। 3,100 से अधिक जानें जा चुकी हैं। ये आंकड़े अन्य राज्यों की तुलना में थोड़े कम है। आज स्थिति नियंत्रण में आती दिख रही है। इस दौर में आर्थिक संकट से उबरने में सरकार कई बड़े निर्णय भी लिए।
सरकार की आंकड़ों के मुताबिक जून 2020 में बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी, वह अक्टूबर में घटकर 2 प्रतिशत रह गई है। जो बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।
1- वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ अग्रणी-
वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ के वनवासियों को सालाना 2500 करोड़ की आय होने की संभावना है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में जुलाई तक 112 करोड़ रुपए मूल्य का संग्रहण किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण से 12.65 लाख संग्राहक परिवारों को रोजगार मिल रहा है।
2- रियल स्टेट अप्रभावित रहा-
सितम्बर की तिमाही में 27 हजार रजिस्ट्रियां हुईं। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 25 जुलाई 2019 से 31 मार्च 2020 तक १ लाख 37 हजार 487 भू-खंडों की रजिस्ट्री दर्ज की गई, जिससे सरकार को 1,174 करोड़ राजस्व मिला। जो पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है।
3- मनरेगा ने नहीं दी राहत
मनरेगा से इस साल 27 लाख परिवारों के 51 लाख श्रमिकों को काम मिला। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2,305 करोड़ रुपए का भुगतान मजदूरों को हुआ है। वन अधिकार पट्टाधारी 21 हजार से अधिक परिवारों को 100 दिन रोजगार मिला।
4- 7 लाख श्रमिकों की वापसी, मिला रोजगार-
कोरोना काल में दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 7 लाख किसानों की छत्तीसगढ़ वापसी हुई। लॉकडाउन हटने के बाद 1.10 लाख किसानों को उद्योगों में रोजगार दिलवाया। 73 हजार श्रमिकों का बकाया भुगतान 171.16 करोड़ करवाने में मदद की।
5- उद्योगों को राहत-
स्टील उद्योग को बिजली शुल्क में छूट दी गई। औद्योगिक भूमि की दर में 30 प्रतिशत की कमी की गई। लीज रेंट 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया, औद्योगिक भूमि के स्थानांतरण शुल्क को भी 5 प्रतिशत कम किया गया।
6- शराब की घर पहुंच सुविधा-
राज्य को सबसे ज्यादा आय शराब से होती है। जब लॉकडाउन चल रहा था तब सरकार ने शराब की घर पहुंच सुविधा यानी होम डिलीवरी शुरू की। यह बड़ा फैसला था। जिस पर विपक्ष का हमलावर होना लाजमी था। विरोध हुआ, मगर इससे सरकार को आर्थिक लाभ हुआ।
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