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इस काम को करने में मर्द भी सोचेंगे सैकड़ों बार, लेकिन इन 4 बहनों ने किया ये काम…

locationरायपुरPublished: Jul 25, 2019 08:40:38 pm

Chhattisgarh Unique Story: इस काम में इन चार बहनों ने छोटे भाई की पत्नी के साथ लोगों की मदद करने के लिए एक नई पहल करते हुए सामने आईं

Chhattisgarh unique story

इस काम को करने में मर्द भी सोचेंगे सैकड़ों बार, लेकिन इन 4 बहनों ने किया ये काम…

रायपुर. सनातन परंपरा में अभी तक पुरुष ही अंतिम संस्कार (Funeral) किया करते थे, लेकिन अब बेटियां भी आगे आ (Chhattisgarh unique story) रही हैं। खासतौर पर ऐसे लावारिस शवों का अंतिम सस्कार, जिनके कोई नहीं होते। शहर की एक महिला समूह ने लावारिस शवों का कफन दफन करने के लिए बीड़ा उठाया है। शहर के कोटा मुक्तिधाम में तीन शवों का कफन-दफन कर मिसाल पेश की।

चार सगी बहनों ने बुनियाद बेटियां अनमोल फउंडेशन बनाया। फिर यह तय किया कि लावारिस शवों का वह खुद कफन-दफन कराने श्मशानघाट तक जाएंगी। इस काम में इन चार बहनों ने छोटे भाई की पत्नी के साथ लोगों की मदद करने के लिए एक नई पहल करते हुए सामने आईं।

फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ निम्मी चौबे ने बताया कि बुधवार को सुबह आमानाका थाना, मंदिर हसौद और मौदहापारा से सूचना मिली कि 7 लावारिस शवों का कफन-दफन करना है। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराने डॉक्टर अंबेडकर स्थित मरचुरी पहुचे। जिनमें से तीन शवों का पोस्टमार्टम ही हो पाया। फिर तीनों शवों को कोटा स्थित श्मशानघाट में विधि-विधान से कफन-दफन किया गया। इस मौके पर पुलिस के जवान भी मौजूद थे।

चार लावारिस शवों का आज करेंगी अंतिम संस्कार
चार लावारिस शवो का कफन-दफन गुरुवार को किया जाएगा। इस तरह के कार्यों के साथ ही असहाय और गरीब परिवारों को परिजनों का अंतिम संस्कार करने में आने वाली परेशानियों में भी मदद करने का निर्णय लिया है। बुनियाद बेटी अनमोल फाउंडेशन की उपाध्यक्ष डॉ.़शोभना तिवारी, सचिव एकता शर्मा, संरक्षक प्रतिभा चौबे, धनश्री चौबे मुख्य रूप से सहयोगी हैं ।

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