बचाव की मुद्रा में आया सत्तापक्ष
दोबारा कार्रवाई के दौरान कांग्रेस के भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जब आस्टे्रलिया के दौरे पर थे तब उन्होंने नीरव मोदी की पार्टनर कंपनी को छत्तीसगढ़ की अकूत खनिज संपदा को लूटने का न्योता दिया था। सरकार को यह साफ करना चाहिए कि एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी पर सरकार मेहरबान क्यों थी? कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने जैसे ही यह कहा कि मोदी के दो आगे मोदी… मोदी के दो पीछे मोदी…’सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों ने आक्रामक होकर बचाव की मुद्रा अख्तियार कर ली। संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि विपक्ष के आरोप पूरी तरह से अनर्गल और तथ्यहीन है। सदन में इस इस मसले को लेकर काफी देर तक नारेबाजी होती रही। इस बीच अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण पर चर्चा के लिए सदस्यों का नाम पुकारा, लेकिन कांग्रेस के सदस्य तब भी शांत नहीं हुए और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह तक चले गए। यहां भी विपक्षी सदस्यों ने जमीन पर बैठकर नारेबाजी की।
डॉ. रमन सिंह ने क्या बोला
कांग्रेसियों को रात को सपने में भी कोई बात आती है तो वे उसे सुबह आकर सदनमें उठा देते हैं। रियो- टिटों को सबसे ज्यादा परमीशन तो कांग्रेस की सरकार में
दिया गया था। हम हर सार्थक पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद और कल्पना पर आधारित है।
भूपेश बघेल प्रदेश, अध्यक्ष कांग्रेस
टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष
3695 करोड़ का घपला, इधर, रोटोमैक का मालिक हिरासत में
कानपुर ञ्च पत्रिका. लिखते लिखते लव हो जाए टैग लाइन वाली रोटोमैक पेन कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी को हिरासत में ले लिया गया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी और कुछ बैंक अधिकारियों के खिलाफ ब्याज सहित 3695 करोड़ के घोटाले का मामला दर्ज किया है।बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत के मुताबिक इन लोगों ने 7 बैंकों से 3,695 करोड़ की धोखाधड़ी की। सोमवार को हुई छापेमारी में 5 सदस्यीय सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम ने कोठारी परिवार के सभी सदस्यों के पासपोर्ट और मोबाइल कब्जे में ले लिए। विक्रम ने ये लोन पेन के कारोबार के
लिए नहीं, बल्कि सिंगापुर की बरगदिया ब्रदर्स कंपनी से दिखावे के तौर पर गेहूं के आयात के लिए लिया था।
दरअसल, बैंक से लोन मंजूर होने के बाद इससे गेहूं का कोई आयात नहीं किया गया। यह पैसा पहले तो दिखावे के लिए बरगदिया ब्रदर्स को जाता था, फिर वहां से रोटोमैक कंपनी के खाते में आ जाता था। विक्रम और उसके परिजनों के लैपटॉप, आईफोन और आईपैड भी लेकर जांच की जा रही है।
बैंक अधिकारियों ने साधी चुप्पी :
अनियमित तरीके से विक्रम कोठारी को लोन देने के मामले में स्थानीय बैंक अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। विक्रम कोठारी पर जिन बैंकों का लोन है, उनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और यूनियन बैंक शामिल हैं।