राप्ती नदी के किनारे बसे चरचरी गाँव में लगभग 150 लोग रहते हैं और ज्यादातर ग्रामीण दिहाड़ी मजदुर है। यहाँ की महिलाओं और बच्चों को पानी लाने के लिए तेज धुप में मीलों पैदल चलना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले चार महीने से समस्या इस कदर बढ़ गयी है की हमे मजबूरन गन्दा पानी पीना पड़ रहा है लेकिन हमारी सुध लेने अबतक कोई मंत्री या नेता नहीं आया,वो तभी आते हैं जब उन्हें हमारे वोट की जरुरत होती है।
पानी की समस्या के कारण सब एक ही तालाब से पानी पी रहे हैं चाहे वो जानवर हो या इंसान।ग्रामीणों ने इसकी सुचना स्थानीय अधिकारियों को भी दी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। गाँव के सरपंच ने बताया की उसने मौखिक रूप से पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को इसकी सुचना दी लेकिन कोई अधिकारी जाँच करने नहीं आया।
वहां के एसडीएम अजय किशोर लकड़ा का कहना है की उन्हें इसकी सुचना आज ही मिली है और कल वह अपनी टीम के साथ वहां जाकर समस्या के समाधान का प्रयास करूँगा।