केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी भारतमाला प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के नए आर्थिक क्षेत्रों को एक-दूसरे से कनेक्ट करना। इसके अलावा देश के तटीय और सीमा क्षेत्रों, धार्मिक और पर्यटन स्थलों को नेशनल हाईवे नेटवर्क से जोडऩा। इस योजना के तहत देशभर में कुल 28 नए रिंग रोड बनाए जाएंगे। इसके अलावा 45 शहरों में बाईपास और 34 कोरिडोर में विस्तार किया जाएगा। इस आर्थिक कॉरीडोर के निर्माण पर कुल 1,20,000 करोड़ रुपए लागत आएगी।
वहीं अगर बात करें इस भारतमाला योजना से छत्तीसगढ़ को होने वाले लाभ की। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ से होकर 410 किमी का आउटर रिंग रोड बनेगा। यह आउटर रिंग रोड छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती प्रदेश आंध्र प्रदेश, ओडिशा और बिहार के व्यापारिक और औद्योगिक शहरों से कनेक्ट होगा।
– छत्तीसगढ़ को ओडिशा से कनेक्ट करने के लिए दुर्ग से रायपुर-आरंग के बीच 80 किमी की नई रिंग रोड बनेगी, जोकि दुर्ग और रायपुर के बाहर निकलेगी।
– सरायपाली से मानिकपुर तक 33.65 किमी रिंग रोड बनेगा।
– छत्तीसगढ़ को ओडिशा से एक और मार्ग से कनेक्ट करने के लिए बिलासपुर से उरगा और उरगा से पत्थलगांव के रास्ते 182 किमी लंबी रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।
– छत्तीसगढ़ को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर से जोडऩे के लिए रायपुर-कुरुद-दुगली-ओडिशा के रास्ते 114 किमी लंबी रिंग रोड बनायी जाएगी।