scriptगोधन न्याय योजना के एक साल पूरे, CM बोले- आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ जैविक राज्य के रूप में होगा स्थापित | Chhattisgarh will be established as an organic said CM Bhupesh Baghel | Patrika News

गोधन न्याय योजना के एक साल पूरे, CM बोले- आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ जैविक राज्य के रूप में होगा स्थापित

locationरायपुरPublished: Jul 21, 2021 01:48:58 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के एक साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा, आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ जैविक राज्य के रूप में स्थापित होगा।

CM Bhupesh Baghel

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा, आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ जैविक राज्य के रूप में स्थापित होगा। [typography_font:14pt;” >रायपुर. गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के एक साल पूरा होने पर गोधन न्याय योजना ने गोपालक, किसानों के साथ-साथ गोबर बेचने वाले भूमिहीन लोगों को आय का एक नया जरिया उपलब्ध कराया है। इस योजना के माध्यम से महिला स्व सहायता समूहों की लगभग 80 हजार महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री ने गोबर संग्रहण, स्व-सहायता समूहों, गोठान समितियों को लाभांश की राशि के रूप में गोठान प्रबंधन समिति और स्वावलंबी गोठानों को कुल 31 करोड़ 20 लाख रुपए उनके बैंक खातों में डाले।

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बता दें योजना के तहत एक वर्ष की अवधि में गोबर संग्राहकों से 48.77 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई। इसके एवज में कुल 97 करोड़ 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इससे एक लाख 71 हजार से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यक्रम को कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग के विशेष सचिव और गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन ने योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया।

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कम होगी कृषि की लागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना बहुआयामी लाभ देने वाली योजना है। योजना के माध्यम से तैयार हो रही है वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से ना केवल भूमि की उर्वरता बढ़ेगी बल्कि हमें जैविक अनाज और जैविक कृषि उत्पाद भी मिलेंगे। आज रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की कीमतों और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। रासायनिक उर्वरकों की मांग के अनुरूप पर्याप्त आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है, ऐसे में वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र से निर्मित दवाइयों के उपयोग से कृषि की लागत कम होगी।

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