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बता दें योजना के तहत एक वर्ष की अवधि में गोबर संग्राहकों से 48.77 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई। इसके एवज में कुल 97 करोड़ 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इससे एक लाख 71 हजार से अधिक पशुपालक लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यक्रम को कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग के विशेष सचिव और गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन ने योजना पर प्रस्तुतिकरण दिया।यह भी पढ़ें: पेगासस स्पाइवेयर मामला: राजभवन तक पैदल मार्च निकालेगी छत्तीसगढ़ कांग्रेस
कम होगी कृषि की लागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना बहुआयामी लाभ देने वाली योजना है। योजना के माध्यम से तैयार हो रही है वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से ना केवल भूमि की उर्वरता बढ़ेगी बल्कि हमें जैविक अनाज और जैविक कृषि उत्पाद भी मिलेंगे। आज रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की कीमतों और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। रासायनिक उर्वरकों की मांग के अनुरूप पर्याप्त आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है, ऐसे में वर्मी कंपोस्ट और गोमूत्र से निर्मित दवाइयों के उपयोग से कृषि की लागत कम होगी।