2050 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन राज्य बनेगा छत्तीसगढ़
यूएनएफसीसीसी के वैश्विक 'रेस टू जीरोÓ अभियान को विभाग ने लक्ष्य के रूप में स्वीकारा, छत्तीसगढ़ पहला राज्य जिसने इस वैश्विक प्रोजेक्ट का किया समर्थन

रायपुर. छत्तीसगढ़ में बहुतायत में कोयला खनन होता है। प्रदेश में नित-नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं। वाहनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और जाएगी। ये सब कार्बन उत्सर्जित करते हैं, जिसका सीधा प्रभाव मानव स्वास्थ्य, जन-जीवन और जलवायु पर पड़ रहा है।
रायपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़ समेत कई जिलों में वायु प्रदूषण अधिक है। इस पर रोकथाम के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) का समर्थन करते हुए, इसे विभाग के नए लक्ष्य के रूप में शामिल किया है। जिसका उ²ेश्य 2050 तक कार्बन के उत्सर्जन से राज्य को मुक्त करना है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि विभाग ने 'रेस टू जीरोÓ की दिशा में कार्ययोजना स्थापित करने के लिए सहमति जताई है। 'रेस टू जीरोÓ के समर्थन के साथ ही छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य क्षेत्र के इस अभियान को अंगीकृत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
स्वास्थ्य मंत्री का मानना है कि जलवायु परिवर्तन आज धरती के सामने खड़े सबसे बड़े संकटों में से एक है। इसलिए दीर्घकालिक योजना बनाने की आवश्यकता है। यह नीति राज्य की कोयला आधारित अर्थव्यवस्था से संबंधित जटिल मुद्दों की समस्याओं के समाधान के नए दरवाजे खोलेगी। यह नीति जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रूपरेखा बनाने की आवश्यकता को बढ़ावा देती है। जिससे राज्य के संसाधनों को अधिक स्वस्थ ऊर्जा उत्पादन, स्वच्छ हवा और स्वच्छ बिजली की ओर पुनर्निर्देशित करती है। गौरतलब है कि राज्य में कार्बन उत्सर्जन की वजह से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां, अस्थमा, फेफड़ों के संक्रमण जैसे गंभीर रोग हो रहे हैं।
कार्बन उत्सर्जन को कम करने स्वास्थ्य विभाग की पहल
स्वास्थ्य ने बताया कि हमने जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य के लिए व्यापक योजना विकसित की हैं। जलवायु परिवर्तन को और स्वयं के कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों को 100 प्रतिशत सौर-ऊर्जा से संचालित करने जैसे कई और महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
यह है ग्लोबल 'रेस टू जीरोÓ
'रेस टू जीरोÓ एक वैश्विक अभियान है जो यूएनएफसीसीसी द्वारा गैर-राज्य संस्थाओं से एक स्वस्थ, शून्य-कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शुरू किया गया है। अभियान का लक्ष्य जलवायु परिवर्तन से भविष्य में होने वाले संकटों को समय रहते रोकने, नौकरियों के अवसर जुटाना, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
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