मॉडलिंग से एक्टिंग में आई: सृष्टि सृष्टि ने खुद को इंट्रोड्यूज करते हुए बताया कि मैं मॉडलिंग करती थी। यह फिल्म 2019 को शूट हुई है। इससे पहले मैंने कई जगह अपनी प्रोफाइल भेजी थी क्योंकि मैं मॉडलिंग तो कर ही रही थी। एक दिन मन कुरैशी ने मुझे कॉल किया और कहा कि फिल्म में काम करना चाहेंगी? मैंने कहा हां। फिर हम एक कैफे में मिले। कॉफी पी। कुछ दिन बाद मेकर्स का कॉल आया। मन से मिलने के 15 दिन बाद ही मैंने पहली फिल्म साइन की।
हम या चेहरा चाहते थे: मन पूरी यूनिट चाहती थी कि फिल्म में कोई नई हिरोइन हो। हर कोई अपने स्तर पर खोज करने में लगा था। मैंने भी ट्राई किया। जब सृष्टि की प्रोफाइल मेरे पास आई तो मैंने देखा कि वे फिल्म में काम करने के लिए इंट्रेस्टेड है। मैंने सोचा कि रील में तो कोई भी हूर की परी नजर आती है लेकिन वास्तविकता तो मिलकर ही पता चलेगी। इसके अलावा मैं व्यवहार को बहुत प्राथमिकता देता हूं। सृष्टि से मिलने के बाद मुझे उसका स्वभाव पसंद आया तो मैंने मेकर्स तक बात पहुंचाई। मेकर्स जब सृष्टि से मिले तो डायलॉग बोलने से लेकर वह सारी चीजें बतौर ऑडिशन ली जो एक फिल्म के लिए जरूरी है। सृष्टि सभी में खरी उतरी इसलिए उसे चुन लिया गया। मैं ये तो नहीं कहता कि सृष्टि मेरी खोज है, लेकिन हां उस वक्त जो मुझे लगा मैंने किया।
इसलिए साउथ का सिनेमा हमसे आगे निर्देशक उत्तम तिवारी कहते हैं कि आज हम अपनी तुलना साउथ से इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि हम 40 सिंगल स्क्रीन पर टिके हैं। जबकि साउथ में लगभग साढ़े छह हजार सिंगल स्क्रीन है जो देशभर का 50 परसेंट से ज्यादा है। इसलिए वहां बड़े स्केल की फिल्म लगती है। दर्शकों का अच्छा रेस्पांस मिलता है और फिल्म बढिय़ा बिजनेस करती है। मन कुरैशी ने कहा कि साउथ का सिनेमा 120 साल पुराना है जबकि हम अभी 20 साल के हुए हैं। लेकिन हमें उम्मीद है कि आने वाले 10 सालों में हम आज की स्थिति से कहीं ज्यादा बेहतर होंगे।
मीडिया में नहीं आती बातें मन ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि हमारे यहां सबसे बड़ी दिक्कत है कि शूटिंग की परमिशन तो मिल जाती है लेकिन जब हम मौके पर पहुंचते हैं तो कहा जाता है कि सर की तरफ से ऑर्डर नहीं है एंट्री का। वहीं अगर अक्षय कुमार आ जाए तो सोचिए उन्हें किस तरह ट्रीट किया जाएगा? आखिर हम भी फिल्म बनाते हैं। शूटिंग का वजनी सामान लेकर जाने वाले हमारे साथी आखिर कब तक स्पॉट में जाने के लिए साहब के ऑर्डर के लिए खड़े रहें। दूसरी बात यह कि कई जगह हमें दर्शक या फैंस घेर लेते हैं। अभी हाल ही में एक शूटिंग के दौरान ऐसा हुआ था। इस तरह की फोटो अगर मीडिया में आए तो इंडस्ट्री की वैल्यू घर-घर पहुंचेगी।
15 लाख रुपए मिलेंगे बतौर सब्सिडी
प्रोड्यूसर अमित जैन ने कहा कि यह फिल्म 2019 में शूट हुई, जून 2020 को रिलीज डेट थी लेकिन कोरोना के चलते नहीं हो पाई। चूंकि इसकी सेंसर डेट नई फिल्म पॉलिसी से मैच हो रही है इसलिए सब्सिडी मिलेगी। इस पॉलिसी में 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। बजट के सवाल पर अमित ने कहा कि सबकुछ मिलकार 70 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
मल्टीप्लेक्स की लड़ाई अभी काम आ रही है
डिस्ट्रीब्यूटर तरुण सोनी जो इस फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं, ने कहा कि एक जमाने में हमने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के मल्टीप्लेक्स में लगाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। इसका फायदा यह है कि अगर किसी फिल्म से उन्हें उम्मीद है तो खुद कॉल करते हैं और फिल्म लगाने की बात कहते हैं। तरुण ने मन कुरैशी की जमकर तारीफ की। कहा कि ऐसा हीरो मैंने आज तक नहीं देखा। मन फिल्म के प्रति पूरी तरह समर्पित रहता है। उसके में कोई एटिट्यूड नहीं। मन ने बताया कि आज तक मैंने अगर किसी फिल्म में 36 घंटे काम किया है तो इसी फिल्म में। हालंाकि मैं कई बार चिड़चिड़ा भी जाता था क्योंकि नींद पूरी नहीं होती तो कोई भी एरिटेट होता है।
कंप्रोमाइज जैसी कोई बात नहीं
सृष्टि से जब पूछा गया कि किसी भी फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच या कंप्रोमाइज वाली बात चलती रहती है, आपका अनुभव कैसा रहा? इस पर सृष्टि ने कहा कि शुरू-शुरू में मुझे भी डर था कि पता नहीं इडस्ट्री में काम कैसे होता होगा। इसलिए पहले दिन तो मैं बहुत चुप थी। लेकिन मैंने जब यूनिट का काम देखा तो ऐसा लगा ये तो मेरी फैमिली है। अगले दिन से मैं सबके लिए चॉकलेट लाने लगी। मन ने कहा कि जिनको सिनेमा करना है वे ऐसी बातों से दूर रहते हैं। अमित जैन ने कहा कि कुछ प्रोडक्शन हाउस नाम से चलते हैं, इसलिए कम से कम ऐसी जगह तो वैसी कोई बात नहीं होती।
पहला सीन, 23 रीटेक
सृष्टि से पूछा गया कि पहली फिल्म है, कोई ऐसा सीन जिसमें ज्यादा रीटेक हुए हों? इस पर सृष्टि ने बताया कि एक सीन ऐसा था जिसमें मुझे 23 टेक लेने पड़ गए। मैं नर्वस हो गई थी। लगा कि मुझसे नहीं हो पाएगा, लेकिन हो गया। उत्तम तिवारी ने बताया कि दरअसल जब वह सीन था तब सृष्टि की फैमिली भी वहीं थी। तब मैंने महसूस किया कि परिवार के सामने सीन करने में सृष्टि असहज महसूस कर रही है। इसलिए सबसे पहले मैंने परिवार को रवाना करवाया उसके बाद आगे का शूट किया।