नहीं मिलेगा लाभ
उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री विवाह योजना शुरू की गई थी। इसका लाभ अब तक हजारों श्रमिक उठा चुके हैं। योजना के तहत श्रमिकों के दो बेटियों के विवाह पर शासन की ओर से 15 हजार रुपए दिया जाता था, ताकि श्रमिकों को ज्यादा भार न पड़े। योजना के बंद होने के बाद श्रमिकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें विवाह में होने वाले खर्च की पूर्ति के लिए दूसरों के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है।
इतने आवेदन हैं पेडिंग
श्रम विभाग के सूत्रों की माने तो शासन ने मुख्यमंत्री विवाह योजना को बंद करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। इस योजना के तहत विभाग में करीब 30 आवेदन पेंडिंग है। लोकसभा चुनाव (Lok sabha election) संपन्न होने के बाद श्रमिकों को इस राशि के लिए बार-बार कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। बताया गया है कि भगिनी (Wedding planner) प्रसूति सहायता योजना भी बंद हो सकती है। इस योजना में श्रम विभाग में पंजीकृत महिला हितग्राहियों को प्रसव के लिए आर्थिक राशि के रूप में 10 हजार रुपए दिया जाता है।
अजय हेमंत देशमुख, अधिकारी श्रम विभाग