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रायपुर

भूपेश सरकार ने दिया बड़ा झटका, अब बेटियों की शादी के लिए नहीं मिलेगी राशि

प्रदेश सरकार (Chhattisgarh government) की ओर से श्रम विभाग ( Labour Department ) में पंजीकृत श्रमिकों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री विवाह योजना (Chief Minister wedding plan) पर ब्रेक लग गया है।

रायपुरJun 07, 2019 / 04:16 pm

चंदू निर्मलकर

भूपेश सरकार ने दिया बड़ा झटका, अब बेटियों की शादी के लिए नहीं मिलेगी राशि

धमतरी. प्रदेश सरकार (Chhattisgarh government) की ओर से श्रम विभाग ( Labour Department ) में पंजीकृत श्रमिकों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री विवाह योजना (Chief Minister wedding plan) पर ब्रेक लग गया है। अब श्रमिकों के बेटियों की विवाह होने पर उन्हें श्रम विभाग द्वारा 15 हजार रुपए की राशि प्रदान नहीं की जाएगी। ऐसे में विवाह (Wedding plan) का पूरा खर्च श्रमिकों को उठाना पड़ेगा।
जिले में 2 लाख से अधिक निर्माणी और असंगठित श्रमिक पंजीकृत है। श्रमिकों की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। वे जितना कमाते हैं, वह परिवार की जरूरतों को पूरा करने में खर्च हो जाता है। ऐसे में वे अन्य कार्यों के लिए पैसा नहीं बचा पाते।
उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए शासन की ओर से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री विवाह (Chief Minister) योजना, भगिनी प्रसूति सहायता योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना, नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, चिकित्सा सहायक योजना समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं। तात्कालीन सरकार ने यह योजनाएं शुरू की थी। वर्तमान में भूपेश सरकार ने इन योजनाओं को बंद कर दिया है।

नहीं मिलेगा लाभ

उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री विवाह योजना शुरू की गई थी। इसका लाभ अब तक हजारों श्रमिक उठा चुके हैं। योजना के तहत श्रमिकों के दो बेटियों के विवाह पर शासन की ओर से 15 हजार रुपए दिया जाता था, ताकि श्रमिकों को ज्यादा भार न पड़े। योजना के बंद होने के बाद श्रमिकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें विवाह में होने वाले खर्च की पूर्ति के लिए दूसरों के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है।


इतने आवेदन हैं पेडिंग
श्रम विभाग के सूत्रों की माने तो शासन ने मुख्यमंत्री विवाह योजना को बंद करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। इस योजना के तहत विभाग में करीब 30 आवेदन पेंडिंग है। लोकसभा चुनाव (Lok sabha election) संपन्न होने के बाद श्रमिकों को इस राशि के लिए बार-बार कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। बताया गया है कि भगिनी (Wedding planner) प्रसूति सहायता योजना भी बंद हो सकती है। इस योजना में श्रम विभाग में पंजीकृत महिला हितग्राहियों को प्रसव के लिए आर्थिक राशि के रूप में 10 हजार रुपए दिया जाता है।

शासन से मिले निर्देश के बाद श्रमिकों के लिए संचालित विवाह योजना को बंद कर दिया गया है। अब इसका लाभ किसी को नहीं मिलेगा।
अजय हेमंत देशमुख, अधिकारी श्रम विभाग

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