गृह मंत्रालय की एक विशेष टीम चाइल्ड पोर्नग्राफी देखने वालों पर नजर रख रही है। टीम जिन मोबाइलों से बच्चों की अश्लील वीडियो वायरल होते हैं, उन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कराती है। बुधवार को रायपुर पुलिस ने ऐसे 14 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। इनमें 2 नाबालिग लड़की हैं। आरोपियों ने अपने मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए बच्चों की अश्लील वीडियो-फिल्म देखकर डाउनलोड किया। इसे बाद वाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टग्राम आदि सोशल मीडिया में वायरल किया था। इनमें 14 साल की नाबालिग लड़की-लड़का से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ आईटी एक्ट और पॉक्सो एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है।
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मोबाइल की होती है निगरानी
चाइल्ड पोर्नग्राफी Child Pornography देखने और उसे वायरल करने वालों पर गृहमंत्रालय की एनसीआरबी की टीम नजर रखती है। देशभर में इस तरह के मोबाइल और कंप्यूटरों के आईपी एड्रेस निकालकर उनका पता लगाया जाता है। इसके बाद मोबाइल धारक और कंप्यूटर मालिक आदि की जानकारी संबंधित राज्य के पुलिस मुख्यालय में भेजा जाता है। उनके खिलाफ अपराध दर्ज करने कहा जाता है। इसके बाद पुलिस मुख्यालय से संबंधित जिलों के थानों में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया जाता है।
फाफाडीह के अभिषेक अंदानी, कम्यूनिटी हॉल के पास कबीर नगर निवासी श्रीनिवास पटेल, ब्राह्मणपारा निवासी हर्ष मिश्रा, गोढ़ी निवासी हितेश चौधरी, पुरानीबस्ती निवासी देवेश कुमार वर्मा, लिली चौक निवासी मनीष चौबे, तिल्दा के गोर्वधन नगर निवासी भवानी लाल जायसवाल और ग्राम तुलसी निवासी अंशुप्रभात वर्मा, भाठागांव निवासी गुलशन सोनकर, खदानबस्ती निवासी संजय साहू, ईदगाहभाठा निवासी इरफान चौहान, खम्हारडीह से नाबालिग बालक और एक बालिका को पकड़ा गया है। दोनों नाबालिग को किशोर न्यायालय में पेश किया गया। बाकी सभी को जेल भेज दिया गया।
पहली बार नाबालिग लड़की भी फंसी
राजधानी में पहली एक नाबालिग लड़की भी चाइल्ड पोर्नग्राफी में फंसी है। इसके अलावा मोबाइल और इंटरनेट में बच्चों की अश्लील फिल्म-वीडियो देखने वालों में 13-14 साल के नाबालिग और अधेड़ लेकर 60 साल तक बुजुर्ग भी शामिल हैं। अधिकांश लोगों को कानून की जानकारी नहीं है। इस वजह से बेखौफ होकर इस तरह की हरकत करते हैं। पिछले साल भी पुलिस ने डेढ़ सौ से ज्यादा अपराध दर्ज किए थे।
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इन धाराओं में दर्ज होता है अपराध
बच्चों की अश्लील फिल्म-वीडियो, फोटो, मीम, मैसेज या अन्य कोई भी चीज देखकर सोशल मीडिया में वायरल करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67, 67-ए, 67-बी के अलावा पॉक्सो एक्ट की धारा 14, 15 के तहत अपराध दर्ज होता है।