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इतना ही नहीं देर शाम जारी आदेश तक पीडि़त दंपती भी शहर से जा चुके थे। एेसे में जानकार मौत की असल वजह मिल पाने पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। वहीं इस पर पुलिस के जिम्मेदरों का कहना है, कि इन्हीं वजहों से मौत या हत्या की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज नहीं की गई, जबकि मामले में जीवीके प्रबंधन की लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। वहीं घटना के एक दिन बाद भी जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। थाने के टीआइ का कहना है कि उनकी ओर से ड्राइवर और मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने वाले डॉक्टरों के बयान सहित अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, जबकि परिजनों से अबतक बात तक नहीं की गई है।