आंगनबाड़ी कासोली में गोंड़ी में सीख रहे बच्चे, हर केंद्र में बनेगी पोषण वाटिका
रायपुरPublished: Feb 10, 2020 09:20:05 pm
आदिवासी क्षेत्र बस्तर की आंगनबाडिय़ों का निरीक्षण करने पहुंचे महिला बाल विकास सचिव और संचालक
आंगनबाड़ी कासोली में गोंड़ी में सीख रहे बच्चे, हर केंद्र में बनेगी पोषण वाटिका
रायपुर। आंगनबाडिय़ों में बच्चों को स्थानीय भाषा में अनौपचारिक शिक्षा की शुरूआत हो गई है। अब बच्चे अपनी स्थानीय भाषा में खेल-खेल में ज्ञान अर्जित कर रहे है। स्थानीय भाषा में ही उन्हें कविताएं सिखाई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में इस नई व्यवस्था का निरीक्षण सभी जिलों में किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और संचालक जन्मेजय महोबे आदिवासी क्षेत्र बस्तर पहुंचे। इस दौरान दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के आंगनबाड़ी केन्द्र कासोली में कार्यकर्ता द्वारा बच्चों को स्थानीय गोंडी बोली में खेल-खेल में शिक्षा देते देख संचालक महोबे ने तारीफ की और बच्चों का उत्साह बढ़ाया। दोनों ही अधिकारियों ने कोण्डागांव जिले के बड़े बंजोड़ा आंगनबाड़ी केन्द्र और उत्तर बस्तर कांकेर स्थित पथर्री आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं के मैदानी स्तर पर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। सचिव ने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका विकसित करने के निर्देश भी दिए। संचालक ने बच्चों से खाने के पहले साबुन से हाथ धुलवाए और उन्हें साफ-सफाई का महत्व बताया। योजनाओं के समुचित संचालन के लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
संचालक महोबे ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का कियान्वयन किया जा रहा है। कुपोषण का कुप्रभाव आदिवासी क्षेत्रों में अधिक देखा गया है। इसलिए इन क्षेत्रों में विशेष प्रयास किया जा रहा है। कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाडिय़ों में बच्चों और महिलाओं को स्थानीय पौष्टिक आहार और गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। कृमिनाशक दवा, आयरन फोलिक एसिड की गोली,एनीमिया जांच जैसे कई उपायों के साथ ही जनजागरूकता का प्रयास भी किया जा रहा है।