अध्यक्ष किरणमयी नायक (Kiranmayi Nayak) ने बताया कि ऐसा मामला आयोग में पहली बार आया है, जिसमे 11 एवं 7 वर्षीय बेटियों ने आयोग के समक्ष आवेदन दिया है, जिसमे आयोग द्वारा यह प्रकरण अत्यधिक संवेदनशील होने के कारण तत्काल 24 घण्टे में ही कार्रवाई किया गया है। मां को दोनों बच्चियों को साथ रखने की समझाइश देने बाद भी वह नही मानी। अब इस प्रकरण की सम्पूर्ण कार्रवाई जिला बाल संरक्षण के अधिकारी करेंगे। चूंकि ये बच्चों का मामाला है, इसलिए महिला आयोग के संज्ञान का विषय नहीं है। लेकिन मानवीय दृष्टि के कारण जिला बाल संरक्षण (District Child Protection) अधिकारी को हस्तान्तरित किया गया है। साथ ही आवेदन के दस्तावेज भी सौपे गए हैं।
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