रायपुरPublished: Feb 05, 2023 05:41:36 pm
Sakshi Dewangan
वर्तमान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के लिए अध्ययनरत हैं। चित्रांशी को नृत्य प्रतिभा अवॉर्ड, नृत्य कला गरिमा सम्मान, कृष्ण कालायन सम्मान नित्यश्री और मीरा सम्मान व नृत्य भूषण जैसे कई सम्मान मिले चुके हैं।
रायगढ़. रायगढ़ की कथक नृत्यांगना चित्रांशी पणिकर अपनी प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति की विदेशों में पताका फहरा रहीं हैं। भारतीय शास्त्रीय कला की प्रस्तुति उन्होंने वर्ष 2018 में दुबई तो वर्ष 2019 में नेपाल में दी है। 21 वर्षीय चित्रांशी बताती हैं कि इससे पहले उनकी दादी भरतनाट्यम करती थीं। ऐसे में उनकी भी इच्छा थी कि वे भारतीय संस्कृति की इस कला में रम जाएं। चित्रांशी पणिकर के पिता एन के पणिकर ने उन्हें 10 साल की उम्र से इस कला को सीखने के लिए भेजा। उनकी संगीत की प्रारंभिक शिक्षा शहर के श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय में हुई। प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से कथक में प्रभाकर की शिक्षा उत्तीर्ण की। वर्तमान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के लिए अध्ययनरत हैं। चित्रांशी को नृत्य प्रतिभा अवॉर्ड, नृत्य कला गरिमा सम्मान, कृष्ण कालायन सम्मान नित्यश्री और मीरा सम्मान व नृत्य भूषण जैसे कई सम्मान मिले चुके हैं।