रायपुर

अपना हक मत खोइए

लोगों ने अपना हक नहीं मिलने पर चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी

रायपुरOct 11, 2018 / 08:18 pm

Gulal Verma

अपना हक मत खोइए

जनतंत्र में आपकी सबसे बड़ी शक्ति मताधिकार हैै। जनता के पास इसी मत के लिए राजनीतिक दल और उम्मीदवार को आना पड़ता है, लेकिन आचार संहिता लगने से पहले ही कई ऐसे मामले प्रकाश में आए जब लोगों ने अपना हक नहीं मिलने पर चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी। हाल में बालोद जिले के ग्राम औंराभाठा में भी ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव से दूर रहने का ऐलान किया है। कहना है कि सौ साल से प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। सालभर से अपनी परेशानी शासन-प्रशासन को बता रहे हैं। अधिकारी आए भी, पर नियम-कायदे में उलझकर उनकी राजस्व ग्राम की मांग पूरी नहीं हो पाई। गुस्सा इस कदर था कि गांव के चारों तरफ चुनाव बहिष्कार के बोर्ड और बैनर लगा दिए गए। प्रशासन में हड़कंप मचा, दल-बल के साथ पहुंचकर प्रशासन ने उन बैनर और बोर्ड को जब्त कर लिया। अब प्रशासन से कोर्ई पूछे कि ग्रामीणों की बात सुनने उन तक पहले ही पहुंच जाते तो इस तरह की कार्रवाई के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ती। ग्रामीणों का नाराजगी भरा कदम कितना कारगर होगा, यह तो वक्त बताएगा।
एक के बाद एक ऐसे मामले सुर्खियों में आने लगे हैं। इसमें एक तरफ तो जनता वर्षों पुरानी मांग या उनको मिलने वाला हक छिन जाने से आक्रोशित होकर चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ जाति-संप्रदाय अपने बीच के व्यक्ति को टिकट या अन्य सामाजिक मांगों को लेकर मताधिकार का प्रयोग नहीं करने की चेतावनी दे रहे हैं। मान भी लिया जाए कि राजनीतिक दलों या जनप्रतिनिधियों के प्रति आपका गुस्सा है और आप उसे जाहिर करना चाहते हैं, तब भी मताधिकार नहीं करने का निर्णय उचित प्रतीत नहीं होता। आपके इस निर्णय से दलों या उनके प्रतिनिधियों पर कितना असर होता है यह अलग बात है, लेकिन सोचकर देखिए कि आपके फैसले के बाद अगर कोई भी दल या उम्मीदवार आपके गांव का रुख नहीं करेगा तब आप अपना हक मांगने कहां जाएंगे? अपनी समस्या किसको बताएंगे? गांव की सीमा को बहिष्कार की चेतावनी से बंद मत कीजिए, क्योंकि इससे आप संविधान प्रदत्त सबसे बड़े अधिकार को छोड़कर शक्तिविहीन होने जा रहे हैं। इसलिए अपने अधिकार को मत खोइए। लोकतंत्र को मजबूत बनाइए।

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