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पिता की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई तो बेटी ने वर्ल्ड बेस्ट यूनिवर्सिटी में सलेक्ट होकर पूरा किया सपना

locationरायपुरPublished: Apr 26, 2020 05:36:27 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

चौबे कॉलोनी की तानशी कोलंबिया यूनिवर्सिटी न्यूयॉर्क में करेगी मास्टर कोर्स

पिता की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई तो बेटी ने वर्ल्ड बेस्ट यूनिवर्सिटी में सलेक्ट होकर पूरा किया सपना

तानशी कहती है कि मुझे पापा की परी नहीं बेटा बनना था, इसलिए मैंने टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का सपना देखा।

ताबीर हुसैन @ रायपुर। पापा ट्वेल्थ पास कर सीए की तैयारी में थे तभी मेरे ग्रैंड फादर की डेथ हुई। घरेलू जिम्मेदारी के चलते पापा की पढ़ाई अधूरी रह गई। जब मैं बड़ी हुई तो मुझे पता चला कि पापा को यह मलाल था। चूंकि हम दो बहनें हैं। मैंने तय किया कि मैं पापा का बेटा बनूंगी। उनकी पढ़ाई भले अधूरी हो पर मैं वल्र्ड की किसी टॉप यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर उनका सपना पूरा करना चाहती थी। यह कहना है चौबे कॉलोनी की तानशी रुंगटा का। एनआईटी से आर्किटेक कर चुकीं तानशी का सलेक्शन कोलंबिया यूनिवर्सिटी न्यूयॉर्क में मास्टर कोर्स के लिए हुआ है। यहां से एक साल की पढ़़ाई के बाद वे अर्बन डिजाइनर बनकर देश के लिए काम करना चाहेंगी। इस यूनिवर्सिटी में 2 से 5 परसेंट स्टूडेंट्स का सलेक्शन ही हो पाता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां तक पहुंचना कितना कठिन है। पैरेंट्स संजीव-शालिनी रूंगटा ने कहा कि हमें तानशी पर गर्व है।

6 महीने तक 2 हजार लोगों का सर्वे

तानशी ने बताया, प्रोजेक्ट में ‘रिडेवलपमेन्ट ऑफ़ गंज मंडी रायपुर’ भी एक विषय था। वे 6 महीने तक उस एरिए में गईं और देखा व समझा कि वहां रहने वालो की दिनचर्या कैसी है। किन कठिनाइयों का सामना उनको करना पड़ता है। 2 हजार लोगों का सर्वे करने पर नतीजा यह आया कि गंज मंडी के रहवसीयों को रेक्रीशनल स्पेस की जरूरत है। साथ ही व्यवस्थित ढंग से व्यापार के मद्देनजऱ दुकानों की जरूरत है। ऐसे ही विषय पर प्रोजेक्ट 6 साल में पूरा कर अपना पोर्टफोलियो मजबूत किया, जिसके चलते यह चयन हो पाया।
पिता की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई तो बेटी ने वर्ल्ड बेस्ट यूनिवर्सिटी में सलेक्ट होकर पूरा किया सपना

बड़ी प्रॉब्लम करूंगी सॉल्व

तानशी कहती हैं, एनआईटी में चौथे सेमेस्टर के दौरान मुझे थिसिस तैयार करनी थी। उस वक्त मैंने सोचा कि मुझे देश की बड़ी प्रॉब्लम को सॉल्व करना है। यह मौका अर्बन डिजाइनिंग में ही मिल सकता है। उदाहरण के लिए गंगा की सफाई के लिए बड़े प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं, कुछ इलाका जहां बाढ़ आती है, वहां ऐसा क्या किया जाए कि जब बाढ़ न हो तो उस स्पेस का बेहतर यूज किया जाए। रायपुर की गंज मंडी को ही ले लो। यहां लीज पर रह रहे कई लोग अतिक्रमण कर चुके हैं। आर्किटेक्चर बनकर आप कुछ लोगों तक पहुंच सकते हैं लेकिन अर्बन डिजाइनर से शहर के बड़े हिस्से में चेंज ला सकते हैं।
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