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संजीवनी कर्मियों की हड़ताल से आपात सेवा हुई प्रभावित, निजी साधनों से अस्पताल पहुंचे मरीज

locationरायपुरPublished: Jul 17, 2018 11:57:33 am

Submitted by:

Deepak Sahu

एंबुलेंस सेवा ठप होने की वजह से कई मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, कहीं निजी साधनों, तो कहीं भाड़े की गाडि़यों में मरीज अस्पताल आते रहे

sanjeevani express strike

संजीवनी कर्मियों की हड़ताल से आपात सेवा हुई प्रभावित, निजी साधनों से अस्पताल पहुंचे मरीज

रायपुर. शासन, कंपनी और कर्मियों के बीच आम जनता के स्वास्थ्य और जेब दोनों पर असर पड़ रहा है। प्रदेशभर में एंबुलेंस सेवा ठप होने की वजह से कई मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, कहीं निजी साधनों, तो कहीं भाड़े की गाडि़यों में मरीज अस्पताल आते रहे। कुछ एेसा ही आलम राजधानी की सडक़ों सहित अस्पतालों में देखने को मिला। दिन-रात सडक़ों में गूंजते एंबुलेंसों के सायरन सोमवार को थमे रहे।

अभनपुर से सडक़ दुर्घटना में घायल को बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रायपुर किया गया, जहां 108 होने के बावजूद घायल को निजी मारूति वैन से आंबेडकर अस्पताल लाया गया। वहीं कंपनी ने देर शाम विज्ञप्ति जारी कर सारी सेवाएं यथावथ संचालित होने का दावा किया। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, कि उनकी ओर से शाम 6 बजे तक कुल 912 मरीजों को लाभान्वित किया गया। जिसमें 359 कॉल्स 108 से, तो वहीं 553 कॉल्स 102 महतारी एक्सप्रेस के लिए आए थे।

पिछले कई माह से अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहे कर्मियों की मांगों को एक बार फिर श्रम विभाग ने झटका दिया है। उप श्रमायुक्त की ओर से जारी आदेश में कर्मियों की मांगों को अवैध करार दिया है। साथ ही आदेश के बाद भी हड़ताल पर बैठने को नियम विरूद्ध घोषित कर दिया था। वहीं पिछली बार श्रम विभाग और संजीवनी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की बैठक के बाद श्रम न्यायालय ने भी कुछ एेसे ही निर्णय सुनाए थे।

संजीवनी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कि कंपनी की ओर से अप्रशिक्षित कर्मियों से काम लिया जा रहा है, जिससे कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। कंपनी की ओर से हमें न तो समय पर वेतन दिया जा रहा है और न ही श्रम विभाग के नियमानुसार सुविधाएं। एेसे में हम अपने हक के लिए विरोध करने मजबूर हैं।

जीवीके प्रवक्ता पंकज रहांगडाले ने कहा कि इनके हड़ताल पर जाने की सूचना पहले से ही थी, जिसके एवज में व्यवस्था बना ली गई है। इसके लिए कंपनी में प्रशिक्षित प्रतीक्षारत कर्मियों के साथ जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और एमपीडब्लू के कर्मियों की सहायता से सेवाएं संचालित की गईं।

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