* अफवाओं का शिकार बानी योजना दरअसल प्रदेश की भूपेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद यह फ़ैसला लिया कि अब प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में लगातार बढ़ते कुपोषण को देखते हुए स्कूलों में पोषण आहार में अंडों को शामिल किया जाए। जब से सरकार ने इस योजना का आगाज किया था। तभी से इस योजना के विरोध में प्रदेश भर से कई विरोध के स्वर सुनाई दिए थे। प्रदेश में बड़ी संख्या में मौजूद कबीरपंथी समाज के लोगों ने इस योजना का खुला विरोध किया था ।
लेकिन हद तो तब हुई जब ऐसी अफवाओं ने तूल पकड़ना शुरू लिया कि बच्चों को दियें जा रहे अंडे प्राकृतिक नहीं है ,बल्कि अप्राकृतिक तरीकों से प्लास्टिक से बने अंडे बच्चों को परोसे जा रहे और यही नहीं बात ऐसी भी सामने आई कि ये अंडे सीधे चाइना से मगाये जा रहे और सीधे बच्चों की थाली तक पहुचाये जा रहे है।
*झूठी साबित हुई अफवाए बढ़ती अफहवाओं को देखते हुए राजधानी की कालीबाड़ी स्थित लैब में प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से लाये गए लहभग 33 अण्डों के सैंपलों को टेस्ट किया गया ।जिसमे सभी सैंपल प्राकृत पाए गए। यह केवल अफवाह साबित हुई कि प्रदेश में चीन में बने प्लास्टिक अंडे लोग की थाली तक पहुंच चुके हैं।