हैदराबाद से अजमेर आए आईएसआईएस के आतंकी मोहम्मद इब्राहिम याजदानी व हबीब मोहम्मद इलियास ने पहले अजमेर रेलवे स्टेशन की रैकी की। एनआईए की जांच में यह सामने आया कि दोनों अजमेर छोडऩे से पहले अजमेर रेलवे स्टेशन गए। रेलवे स्टेशन के पास ही दहशतगर्दी के लिए खरीदे गए हथियार के भुगतान की रकम जमीन में दबाई और लौट आए। आतंकियों की चालाकी ने जिला पुलिस और जीआरपी की मुश्किलें बढ़ा दी है।
पुलिस यह सोचकर खैर मना रही है कि आतंकियों ने रकम ही दबाई अगर कोई बम या विस्फोटक दबा दिया होता तो बहुत गंभीर हालात पेश आते। हालात यह हैं कि रेलवे स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम इतने नाकाफी है कि कोई भी व्यक्ति कभी भी कहीं से भी आ-जा सकता है। आतंकी आसानी से रेलवे स्टेशन के आउटर एरिया में हथियार के बदले सप्लायर को दी जाने वाली रकम को गाड़ गए।
जमीन में गाड़ निकाली तस्वीर दोनों आतंकी सोशल मीडिया के भी अच्छे जानकार भी है। हथियार सप्लायर के बताए अनुसार इब्राहिम व हबीब ने रेलवे स्टेशन के नजदीक रकम को पहले जमीन में मिट्टी से दबाया। उसके बाद वहां निशान लगाकर जगह की फोटो खींचकर हथियार सप्लायर को सोशल मीडिया के जरिए भेज दी। फोटो में बताई गई जगह से सप्लायर ने रकम निकाल ली।
सुरक्षा की जिम्मेदारी सबकी है। जीआरपी थाने के पास से प्रवेश आमजन के लिए नहीं है। प्लेटफार्म बड़ा होने से यात्री सुविधा के चलते निकल जाते हैं। स्टेशन के आसपास की निगरानी संभव नहीं है। फिर भी प्रयास किया जाता है।
सुनील कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जीआरपी