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एक दिवसीय बस्तर प्रवास पर सीएम बघेल, मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर मांगी प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली

locationरायपुरPublished: Oct 07, 2022 01:03:26 pm

Submitted by:

Mansee Sahu

बस्तर दशहरा में शामिल होने पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर जिले में 89 विकास कार्यों लागत लगभग 173 करोड़ 28 लाख से अधिक राशि के कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 77 करोड़ 38 लाख 72 हजार के 22 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 95 करोड़ 89 लाख 72 हजार के 67 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर दशहरा के अंतर्गत मुरिया दरबार सहित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री बघेल का आत्मीय स्वागत किया गया। जगदलपुर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने मुख्यमंत्री बघेल की अगवानी की।

मुख्यमंत्री बघेल ने जगदलपुर में स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना कर प्रदेश वासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर जिले के उद्योग मंत्री कवासी लखमा सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

 

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शहीद झाड़ा सिरहा की प्रतिमा का किया अनावरण
बस्तर दशहरा में शामिल होने पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिरहासार भवन के समीप शहीद स्मारक परिसर में मुरिया विद्रोह के जन नायक झाड़ा सिरहा की आदमकद मूर्ति का अनावरण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बस्तर जिले में 89 विकास कार्यों लागत लगभग 173 करोड़ 28 लाख से अधिक राशि के कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 77 करोड़ 38 लाख 72 हजार के 22 विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 95 करोड़ 89 लाख 72 हजार के 67 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया।

कौन है शहीद झाड़ा सिरहा
शहीद झाड़ा सिरहा की प्रतिमा को शहर के सिरहासार चौक स्थित शहीद स्मारक के पास लगाया गया है। वीर शहीद झाड़ा सिरहा का जन्म बस्तर जिले के आगरवारा परगना के अंतर्गत ग्राम बड़े आरापुर में परगना मांझी एवं माटी पुजारी परिवार में हुआ था। वे बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। वे जड़ी बूटियों के जानकार, कुशल नेतृत्वकर्ता और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण उन्हें 1876 में हुए मुरिया विद्रोह में नेतृत्व किया।

विद्रोह में बस्तर की आदिम संस्कृति की रक्षा, जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा, सामाजिक रीति-नीतियों के संरक्षण और अंग्रेजों से मिले सामंतवादियों द्वारा किये जा रहे शोषण के विरूद्ध सभी आदिवासियों ने झाड़ा सिरहा के नेतृत्व में आवाज उठाई थी। अपनी कुशल संगठन क्षमता और रणनीति के साथ पूरे दमखम से लड़ते हुए अंग्रेजी फौज के हाथों झाड़ा सिरहा 1876 में वीरगति को प्राप्त हुए थे।

कांकेर भी जाएंगे
मुख्यमंत्री शाम 4 बजे कांकेर के नाथिया नवागांव में लघु धान्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन इकाई का लोकार्पण करने के साथ ही वहां संचालित गतिविधियों का संचालन करेंगे। इसके अलावा विभिन्न योजनाओं से लाभांवित किसानों से भेंट भी करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यक्रम पश्चात शाम 5.10 पर रायपुर लौट आएंगे।

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