मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यह दुर्भाग्यजनक है कि हमको 61 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य केवल अरवा चावल के लिए मिला है। उसना के लिए नहीं मिला। हम लोग बार-बार कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और मंत्रिमंडल भी जाकर मिलना चाह रहा है, ताकि उसना की अनुमति मिले। यहां उसना की राइस मिल बंद हो जाएंगी। जबकि यह किसान उसना वैरायटी का धान भी उगाता है। ऐसे में आने वाले दिनों में सरकार और किसान दोनों को परेशानी होगी।
बारदाना संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, पिछले साल तो कोरोना था। लॉकडाउन में फैक्ट्रियां बंद थी, तो भारत सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं करा पाई थी। इस साल तो ऐसी कोई बात नहीं है। तब हमें बारदाना क्यों नहीं उपलब्ध कराया पा रहे हैं। जितनी हमारी डिमांड है उतना तो हमें मिलना चाहिए। जिस तरह वे हमसे उसना चावल नहीं लेकर परेशान कर रहे हैं, उसी तरह बारदाना न देकर भी परेशान कर रहे हैं। पूरे देश में बारदाने का वितरण जूट कमिश्नर ही करता है। उसी दर पर हम टेंडर बुलाएंगे तो हमें कौन बारदाना देगा।
छोटी सी गलती से देश को नुकसान
कोरोना के नए वैरियंट (New variants of Corona) को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, बचाव में ही सुरक्षा है। हम लोगों को मास्क पहनाना, दूरी बनाकर कर रखना है। हवाई सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, जिन देशों से यह फैल रहा है, उन देशों में हवाई सेवाएं बंद होनी चाहिए। यदि पहले ही लहर में भारत सरकार उसको रोक लेती, तो यह देशभर में नहीं फैलता। छोटी से गलती के कारण पूरे देश को नुकसान उठाना पड़ा है।