मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी फायदे का सौदा बन गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार ढाई लाख अधिक किसान खेती-किसानी से जुड़े हैं। बघेल ने केंद्र सरकार से बायोफ्यूल उत्पादन की अनुमति देने का आग्रह करते हुए कहा कि गाडिय़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। दुनिया का ध्यान अब ग्रीन एनर्जी की ओर गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम ईंधन में 20 प्रतिशत तक बायोफ्यूल मिलाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में धान का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है इसलिए बायोफ्यूल का उत्पादन होने से किसानों को धान की अच्छी कीमत मिलेगी। संयंत्र लगने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पेट्रोलियम ईंधन में खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश के मात्र एक लाख किसानों को किसान निधि की राशि छह हजार रूपए प्राप्त हुई है। 18 लाख किसानों को अभी तक पूरी राशि नहीं मिल पाई है।
समारोह में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य सरकार में 80 लाख 38 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदी की थी और प्रदेश के लगभग 16 लाख 30 हजार किसानों को 20 हजार करोड रुपए की राशि का भुगतान किया गया था। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, पूर्व कृषि मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए। मुख्यमंत्री बघेल ने कृषि, उद्यानिकी पशुपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के प्रगतिशील किसानों को आत्मा योजना के अंतर्गत 50-50 हजार रूपए की राशि का चेक देकर सम्मानित किया। उन्होंने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित किए।
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