बैठक में मुख्यमंत्री ने एक बार फिर धन से बायो एथेनॉल निर्माण की अनुमति देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, इससे राज्य को और किसानों को लाभ होने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर भारत सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। उन्होंने वित्त मंत्री को बताया, धान से एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 12 कम्पनियों से एमओयू भी किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ, सीएम के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, वित्त सचिव अलरमेल मंगई डी. सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
तो बंद हो जाएंगी 500 उसना मिलें
सीएम ने कहा कि उसना चावल न लेने का केन्द्र सरकार का छत्तीसगढ़ और यहां के मिलर्स और श्रमिकों के हित में नहीं है। यहां लगभग 500 उसना मिलें है, जिनकी उत्पादन क्षमता 5 लाख मीट्रिक टन प्रति माह है। इस निर्णय से मिलें बंद हो जाएंगी। हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री से उक्त निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया।