कोल इंडिया ने जवाब नहीं दिया
एल्युमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, कुछ एल्युमीनियम उत्पादकों, जो आमतौर पर देश के सबसे बड़े बिजली उपयोगकर्ताओं में से हैं, ने मार्च में घरेलू कोयले के लिए 450 फीसदी प्रीमियम का भुगतान किया है। पिछले साल ऊर्जा की कमी के दौरान डिलीवरी पर अंकुश लगने के बाद स्मेलटर्स, आपूर्ति के बारे में चिंतित हैं और समुद्री रास्ते से आने वाले कोयले की ऊंची कीमतों के कारण आयात बहुत महंगा है। जानकारों के मुताबिक बिजली संयंत्रों में भंडार रविवार को लगभग 25.2 मिलियन टन तक गिर गया, जो केंद्रीय कोयला मंत्रालय द्वारा निर्धारित 45 मिलियन टन लक्ष्य से काफी कम है। भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक गौरव कृष्ण बंसल के अनुसार, दो नई रेल लाइनों के निर्माण में देरी से माल ढुलाई क्षमता में बाधा आ रही है, जो अब अगले वित्तीय वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। बोगियों की सीमित आपूर्ति को पूरा करने के लिए ऑपरेटर ने एक लाख और वैगन खरीदने का टेंडर भी जारी किया है। एक सिंगल रेलवे, जिसे रेक कहा जाता है, 4 हजार टन कोयला ले जा सकती है। जबकि एक ट्रक आम तौर पर लगभग 25 टन की आपूर्ति कर सकता है।
ट्रक विकल्प नहीं
खरीदारों को सड़क मार्ग से सैकड़ों किलोमीटर तक कोयला पहुंचाना, उन्हें कोई आपूर्ति न करने से अच्छा है। ट्रकों में कोयला ले जाना एक बेहद महंगा और प्रदूषणकारी विकल्प है।
- राजीव अग्रवाल इंडियन कैप्टिव पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के महासचिव