रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि कोयले को लेकर विदेशों से सप्लाई पहले ही प्रभावित हो चुकी है, वहीं अब देश में भी संकट आ चुका है। रूस-यूक्रेन के बीच तनाव की वजह से ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया से कोयला आयात अभी 60 फीसदी कम हो चुका है। राज्य के भीतर एसईसीएल से कोयला नहीं मिलने की वजह से स्थानीय उद्योगपतियों की निर्भरता विदेशी कोयले पर बढ़ती जा रही है। इसे कम करने के लिए रोलिंग मिल ने राज्य सरकार के माध्यम से सीधे एसोसिएशन को कोयला आवंटन के लिए दबाव बनाया था, लेकिन कोल इंडिया के इस फैसले से राज्य के उद्योगों को बड़ा नुकसान हो चुका है।
छत्तीसगढ़ रि-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि गैर-सरकारी एजेंसियों के बीच अनुबंध रद्द होने के बाद राज्य सरकार से गुजारिश है कि सीएसआईडीसी सहित अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से राज्य के उद्योगों को जरूरत के मुताबिक कोयला आवंटन उपलब्ध कराया जाए, क्योंकि कच्चे माल की सप्लाई कम होने की वजह से लौह उत्पादों के साथ स्टील की कीमतें लगातार बढ़ रही है।