माघी पुन्नी मेला में 7 दिन शेष, अब तक कई विभागों ने कार्य नहीं किए शुरू
रायपुरPublished: Jan 27, 2023 04:32:36 pm
राजिम माघी पुन्नी मेला को अब मात्र 7 दिन ही शेष हंै। 5 फरवरी से माघी पुन्नी मेला शुरू होगा, जो लगातार 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि 10 दिसंबर को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सांस्कृतिक भवन में बैठक ली थी। जिसमें तमाम विभाग के अधिकारियों को मेला शुरू होने से पहले तक काम पूर्ण करने की बात कही थी। परंतु यहां पर कई विभागों के काम अभी तक शुरू नहीं हुए। मुक्ताकाशी महोत्सव मंच का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। बांस बल्ली के सहारे मंच को शानदार आकार दिया जाता है।


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राजिम। प्रसिद्ध राजिम माघी पुन्नी मेला को अब मात्र 7 दिन ही शेष हंै। 5 फरवरी से माघी पुन्नी मेला शुरू होगा, जो लगातार 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि 10 दिसंबर को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सांस्कृतिक भवन में बैठक ली थी। जिसमें तमाम विभाग के अधिकारियों को मेला शुरू होने से पहले तक काम पूर्ण करने की बात कही थी। परंतु यहां पर कई विभागों के काम अभी तक शुरू नहीं हुए। मुक्ताकाशी महोत्सव मंच का कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। बांस बल्ली के सहारे मंच को शानदार आकार दिया जाता है। इसमें प्रोजेक्टर सिस्टम पर चलचित्र दिखाया जाता है। ग्रीन रूम के अलावा कलाकारों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है, जिसमें समय लगता है।
कुंड बनाने का काम जारी है। अटलघाट से लेकर नेहरूघाट तक रेत की सडक़ें बनाई जा रही है। फर्र्शी पत्थर उपयोग किया जा रहा है। पंचेश्चर महादेव मंदिर से लेकर कुलेश्वरनाथ महादेव तथा लोमस ऋषि आश्रम तक सडक़ें बनाने का काम द्रुतगति से जारी है। इधर, राजस्थानी ट्रैक्टर रेत को समतल कर रहे हैं, तो मजदूर प्लास्टिक के बोरी पर रेत डालकर बॉर्डर बनाने का काम कर रहे हैं। बुधवार को शाम 4 बजे कलेक्टर प्रभात मलिक जिले के आला अफसरों के साथ कामों की मॉनिटरिंग करने के लिए उपस्थित हुए। सबसे पहले मेला मैदान में जाकर देखें तथा अधिकारियों को दिशा निर्देशित करते रहे। उसके बाद त्रिवेणी संगम में चल रहे कामों की प्रगति पर कनिष्ठ अधिकारियों को मोटिवेट करते रहे तथा उनसे जानकारियां भी लेते रहे। बताना जरूरी है कि नदी पर माघी पुन्नी मेला की पूर्ण व्यवस्था होती है। शाम 6 बजे तक वे अधिकारियों से बातचीत करते ही रहे। इस मौके पर पंचायत विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, जल संसाधन विभाग इत्यादि के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।