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सड़कों पर सरपट दौड़ रहे कंडम वाहन, स्क्रैप सेंटर की नहीं है व्यवस्था, प्रदूषण के साथ बढ़ रहें सड़क हादसे

locationरायपुरPublished: Nov 22, 2022 02:21:16 pm

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CG Desk

स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक 10 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहन और 15 साल से पुराने प्राइवेट पैसेंजर वाहन की फिटनेस जांच एवं दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसका पालन नहीं करने पर वाहन की क्षमता के अनुसार 5000 रुपए से लेकर वाहन सीज करने का नियम है। लेकिन गाड़ी के कंडम होने के बाद भी वाहन मालिक उसे चला रहे हैं।

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file photo

@राकेश टेंभुरकर/रायपुर छत्तीसगढ़ में करीब डेढ़ वर्ष पहले स्क्रैप पॉलिसी लागू होने के बाद भी स्क्रैप सेंटर के लिए अब तक जमीन और कंपनी तय नहीं हो पाई है। इसके चलते अब भी सड़कों पर कंडम वाहन दौड़ रहे हैं। इसके कारण प्रदूषण के साथ ही सड़क हादसे में इजाफा हो रहा है। स्क्रैप सेंटर नहीं होने और सख्ती से वाहनों की जांच नहीं होने के कारण कंडम वाहन फैक्ट्री से लेकर सड़कों पर बेरोकटोक दौड़ रहे हैं।

स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक 10 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहन और 15 साल से पुराने प्राइवेट पैसेंजर वाहन की फिटनेस जांच एवं दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसका पालन नहीं करने पर वाहन की क्षमता के अनुसार 5000 रुपए से लेकर वाहन सीज करने का नियम है। लेकिन गाड़ी के कंडम होने के बाद भी वाहन मालिक उसे चला रहे हैं। क्योंकि स्क्रैप कराने के लिए छत्तीसगढ़ में किसी भी कंपनी द्वारा फैक्ट्री नहीं लगाई गई है। जहां वाहन का मूल्यांकन करने के बाद स्क्रैप कराने वाले को रकम के साथ प्रमाण पत्र दिया जा सके।

यह है नियम
नई यात्री बस और कमर्शियल मालवाहक वाहनों को खरीदी करने के बाद फिटनेस जांच में 2 वर्ष की छूट दी गई है। इसके बाद प्रथम 8 वर्ष तक दो-दो वर्ष और उसके बाद प्रतिवर्ष फिटनेस जांच कराना अनिवार्य है। वहीं दो पहिया और निजी चार पहिया वाहनों को नियमानुसार 15 वर्ष के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है। निर्धारित अवधि के बाद उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन के साथ ही फिटनेस जांच कराना अनिवार्य है।

छूट मिलेगी
शासन द्वारा अधिकृत स्क्रैप सेंटर में वाहन स्क्रैप कराने पर वाहन मालिक को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। पुरानी गाड़ी के स्क्रैप वैल्यू से नई गाड़ी खरीदते समय एक्स शोरूम प्राइस पर 5 फीसदी तक का डिस्काउंट मिलेगा। इसके अलावा नए वाहन पर कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देना होगा। नियमानुसार राज्य प्राइवेट वाहन के लिए 25 फीसदी और कमर्शियल वाहन पर 15 फीसदी तक का रोड टैक्स से छूट भी दे सकती हैं। लेकिन स्क्रैप सेंटर नहीं होने के कारण अब तक वाहन मालिक स्वेच्छा से स्क्रैप नहीं करवा रहे हैं। चालानी कार्रवाई एवं परमिट निरस्त किए जाने के डर से केवल यात्री बस और कुछ मालवाहक वाहनों के मालिकों द्वारा ही फिटनेस कराया जा रहा है।

नहीं बना पाए स्क्रैप सेंटर
शासन द्वारा अधिकृत स्क्रैप सेंटर में वाहन स्क्रैप कराने पर वाहन मालिक को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। पुरानी गाड़ी के स्क्रैप वैल्यू से नई गाड़ी खरीदते समय एक्स शोरूम प्राइस पर 5 फीसदी तक का डिस्काउंट मिलेगा। इसके अलावा नए वाहन पर कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देना होगा। नियमानुसार राज्य प्राइवेट वाहन के लिए 25 फीसदी और कमर्शियल वाहन पर 15 फीसदी तक का रोड टैक्स से छूट भी दे सकती हैं। लेकिन स्क्रैप सेंटर नहीं होने के कारण अब तक वाहन मालिक स्वेच्छा से स्क्रैप नहीं करवा रहे हैं। चालानी कार्रवाई एवं परमिट निरस्त किए जाने के डर से केवल यात्री बस और कुछ मालवाहक वाहनों के मालिकों द्वारा ही फिटनेस कराया जा रहा है।

कंपनियों से चल रही चर्चा
देशभर की विभिन्न कंपनियों के साथ स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए चर्चा चल रही है। उन्हें स्वयं के खर्च पर सेंटर खोलने और प्रति वाहन को स्क्रैप करने पर कमीशन दिए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस पर जल्द ही सार्थक पहल होगी। एस प्रकाश, सचिव, परिवहन विभाग

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