प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने शनिवार को कहा, झीरम मामले में नार्को टेस्ट कराने से पहले भाजपा यह बताए कि इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले के नार्को टेस्ट की रिपोर्ट का क्या करें। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा के शासनकाल में उस रिपोर्ट को थाने से अदालत क्यों नहीं पहुंचाया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने आज तक क्यों नहीं बताया कि नार्को टेस्ट में बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा ने उन्हें जो करोड़ो रुपए देने की बात बता थी, उसमें कितनी सच्चाई है। उन्होंने कहा, भाजपा को अगर नार्को टेस्ट पर इतना ही भरोसा है तो वह बताए कि उस नार्को टेस्ट के सच को स्वीकार करती है अथवा नहीं।
गबन और घोटालों की वजह से रायपुर का इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक 2007 में बंद हो गया था। ऍफ़ आई आर हुई पुलिस ने प्रबंधन से जुड़े लोगों को पकड़ा भी था। इसमें से मुख्य आरोपी बताए गए प्रबंधक उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट हुआ था। जुलाई 2013 में उसकी एक वीडियो क्लिप सामने आई , जिसमें सिन्हा तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों को करोड़ो रुपए देने की बात स्वीकार करता दिखता है। बाद में पुलिस ने बयानों में विरोधाभास का हवाला देकर इस रिपोर्ट को अदालत में पेश नहीं किया था।
नए सिरे से जांच की मांग
कांग्रेस ने सरकार से नार्को टेस्ट की रिपोर्ट अदालत में देकर जांच को नए सिरे से आगे बढ़ाने की मांग की है। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, इसकी जांच के दौरान भाजपा फिर बदलापुर-बदलापुर की आह भरना बंद कर दे।